एफए अंसारी की वर्ष १९८३ में एसईसीएल के चिरमिरी स्थित अस्पताल में कंपाउंडर के पद पर नियुक्ति हुई। एसईसीएल प्रबंधन ने वर्ष १९९४ में एक सकुर्लर जारी कर कंपाउंडरों को फार्मासिस्ट वर्ग-सी बनाया। १९९९ में वरिष्ठता सूची जारी की गई। इसमें अंसारी २६वें क्रम पर था।
२७ वर्ष की सेवा में उसे एक भी प्रमोशन नहीं दिया गया। उसने विभाग में अभ्यावेदन देकर प्रमोशन देने की मांग की। वहां कोई कार्रवाई नहीं होने पर अधिवक्ता सलीम काजी के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई। इसमें कहा गया कि एसईसीएल कर्मियों की सेवा-शर्तें नेशनल कोलवेज एग्रीमेंट के तहत हैं। इसकी कंडिका २, ११, १ के अनुसार कर्मचारी को प्रति ८ वर्ष की सेवा में एक प्रमोशन या वेतनवृद्धि का लाभ दिया जाना चाहिए। इसी प्रकार कंडिका १२, ८, ० (ब) में ३० वर्ष की सेवा में एक प्रमोशन दिया जाना चाहिए। इसके बाद भी याचिकाकर्ता को प्रमोशन नहीं दिया जा रहा है। याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार करते हुए जस्टिस श्री अग्निहोत्री ने एसईसीएल के सीएमडी, डायरेक्टर पर्सनल, मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी सहित अन्य को नोटिस जारी किया है।