May 11, 2010

हाईकोर्ट की फटकार के बाद भुगतान

पिता की मौत के बाद उनके सेवानिवृत्त देयकों का भुगतान के लिए पुत्र ने बिलासपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट की फटकार के बाद बकाया देयकों का भुगतान किया गया। इस संबंध में देवभोग के सीईओ ने उपस्थित होकर कोर्ट को जानकारी दी।

महासमुंद जिले की जनपद पंचायत देवभोग से केके मिश्रा उच्च श्रेणी लिपिक के पद से सेवानिवृत्त हुए। इसके बाद उन्हें भविष्य निधि का भुगतान नहीं किया गया। इस पर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई। याचिका को निराकृत करते हुए हाईकोर्ट ने उच्च स्तरीय जांच समिति द्वारा छानबीन कर भुगतान करने का आदेश दिया। इसी बीच उनकी मौत हो गई। पिता की मौत के बाद उनके पुत्र सीपी मिश्रा ने हाईकोर्ट में रिट याचिका प्रस्तुत की। अपील पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने ३ मार्च २०१० को सीईओ को १५ दिनों के अंदर भुगतान करने का आदेश दिया, लेकिन तय समय में भुगतान नहीं किया गया। इस पर याचिकाकर्ता ने सीईओ के खिलाफ अवमानना याचिका लगाई। हाईकोर्ट की फटकार के बाद सीईओ राकेश वर्मा ने बीते शुक्रवार को हाईकोर्ट में उपस्थित होकर जवाब दिया। उन्होंने बताया कि हाईकोर्ट का आदेश ३० मार्च को मिला था। प्रक्रिया में देर होने के कारण याचिकाकर्ता को १५ अप्रैल को भुगतान किया गया। हाईकोर्ट ने सीईओ को शपथपत्र के साथ जवाब देने का आदेश दिया है।

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