प्रतीक्षा सूची के उम्मीदवारों को नियुक्ति देने के बजाय आरक्षकों की नई भर्ती प्रकिया शुरू करने के मामले को चुनौती देने वाली याचिका पर बिलासपुर हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है।
व्यावसायिक परीक्षा मंडल ने वर्ष २००८ में प्रदेश में आरक्षकों के रिक्त पदों के लिए परीक्षा आयोजित की थी। इसमें दुष्यंत कुमार सोनवानी का नाम प्रतीक्षा सूची में शामिल था। प्रतीक्षा सूची के उम्मीदवारों को अवसर देने के बजाय रिक्त पदों के लिए दूसरी बार नया विज्ञापन प्रकाशित करा दिया गया। इस पर दुष्यंत ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि प्रतीक्षा सूची वाले उम्मीदवारों को भर्ती करने के बाद बचे हुए पदों के लिए नई भर्ती प्रकिया शुरू की जानी चाहिए। इस पर हाईकोर्ट में जस्टिस सतीश कुमार अग्निहोत्री की एकलपीठ में सुनवाई हुई। व्यापमं व शासन सहित दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद जस्टिस श्री अग्निहोत्री ने फैसला सुरक्षित रख लिया है।