Apr 9, 2010

बालको चिमनी हादसा : चालान में एक लाख से अधिक दस्तावेज

बालको चिमनी हादसे के प्रकरण का चालान शुक्रवार को न्यायिक मजिस्ट्रेट की न्यायालय में पेश होगा। इस चालान में एक लाख से अधिक कागज प्रस्तुत किए जाएंगे। साथ ही पुलिस २५० से अधिक गवाह प्रस्तुत करेगी। इस चालान में देश के ख्यातिलब्ध आधा दर्जन टेक्निकल इंस्टीट्यूट की एक्सपर्ट रिपोर्ट शामिल की गई है।

इस मामले की जांच न सिर्फ देश बल्कि देश की सीमाओं के बाहर जाकर भी की गई है। चालान के तमाम दस्तावेज एक यूटीलिटी वेन में भरकर ले जाए जाएंगे। उल्लेखनीय है कि २३ सितंबर को बालको विस्तार परियोजना के द्वितीय चरण के निर्माण कार्य के दौरान निर्माणाधीन चिमनी के गिर जाने से ४४ लोगों की जानें गई थीं। पुलिस ने लगातार ६ महीने तक इस मामले की जांच की है। इस मसले पर कोरबा पुलिस की लगभग २५ से अधिक टीम, जिसमें ६० से अधिक पुलिस कर्मी शामिल थे, को देश के तमाम राज्यों में जांच के लिए भेजा गया। पुलिस का कहना है कि चालान में प्रस्तुत तमाम दस्तावेज टेक्निकल तौर पर तैयार किए गए हैं। इनमें तमाम तरह की टेक्निकल रिपोर्ट, एक्सपर्ट लोगों की राय, डाटा शामिल है। इस मामले में पुलिस ने स्वयं प्रार्थी बनकर अपराध क्रमांक ३७७/२००९ धारा ३०४, ३२४, ३२६, २०१, ३४ का मामला दर्ज किया है। दर्ज प्रकरण में चीनी ठेका कंपनी सेपको के अलावा वेदांता, जीडीसीएल के ९ आरोपियों को पुलिस अब तक गिरफ्तार कर चुकी है। पुलिस को अब भी इस मामले में ७ लोगों की तलाश है। इन्हें गिरफ्तार करने के लिए अभी भी पुलिस की लगातार टीमें देश के हर राज्यों में भेजी जा रही है। इस प्रकरण के बाद से पुलिस का एक विशेष सेल गठित किया गया था। यह सेल लगातार चिमनी दुर्घटना के मामले की तमाम बिंदुओं पर जांच करने जुटा हुआ है। बालको थाना प्रभारी विवेक शर्मा का कहना है कि उनके कार्यकाल का यह अब तक का सबसे बड़ा विवेचना का मामला है। उन्होंने बताया कि इस जांच में सूचना प्रौद्योगिकी का भी खासा इस्तेमाल किया गया है। जांच के दौरान इंटरनेट से बेहद महत्वपूर्ण जानकारियां एकत्रित की गई हैं। देश की सीमाओं के बाहर जाकर दुर्घटना से जुड़े तथ्य बतौर सपोर्ट एकत्रित किए गए हैं। उन्होंने दावा किया है कि तमाम साक्ष्य और सबूत चिमनी दुर्घटना के आरोपियों को अवश्य सलाखों के पीछे ले जाएंगे। हालांकि इस मसले पर शासन ने पृथक से एक सदस्यीय न्यायिक आयोग का भी गठन किया है। न्यायिक आयोग की जांच जारी है। इस मसले पर आरोपियों को जमानत कराने पर भी काफी पसीना बहाना पड़ा है। आरोपियों की जमानत जिला न्यायालय के अलावा हाईकोर्ट ने भी खारिज की थी। सुप्रीम कोर्ट से सबसे पहले वेदांता के गिरफ्तार किए गए ३ आरोपियों को जमानत दी गई। इनमें प्रोजेक्ट मैनेजर विराल मेहता, एजीएम दीपक नारंग और जीटीई अनूप महापात्रा शामिल हैं।

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