बालको चिमनी दुर्घटना मामले में बल्लभगढ़ के नेशनल काउंसिल ऑफ सीमेंट एंड बिल्डिंग के डायरेक्टर जनरल ने केन्द्रीय सूचना आयोग की शरण ली है।
डायरेक्टर जनरल एम वासुदेव ने केन्द्रीय सूचना आयोग के समक्ष यह अपील की थी कि कोरबा पुलिस ने उनके तीन अधिकारियों को गिरफ्तार किया है। उन्होंने चिमनी दुर्घटना हादसे की टेक्निकल रिपोर्ट सूचना के अधिकार के तहत आरोपी पक्ष से जुड़े लोगों को उपलब्ध कराई थी। इस मामले में कोरबा पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा के तहत उनके ३ अधिकारी एमएम अली, आरके गोस्वामी और यूके मंडल को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने यह कार्रवाई इसलिए की थी, क्योंकि उक्त रिपोर्ट उस समय आरोपी पक्ष के लोगों को उपलब्ध कराई गई, जब इस मामले की जांच चल रही थी। केन्द्रीय सूचना आयोग ने इस मामले की सुनवाई प्रारंभ की। कोरबा पुलिस अधीक्षक रतनलाल डांगी को तलब किया गया। उनके द्वारा १२ अप्रैल को ११ बिन्दुओं पर अपना जवाब प्रस्तुत किया। अपने जवाब में पुलिस ने कहा कि उन्होंने आरटीआई की किसी भी धारा का उल्लंघन नहीं किया है। इस मामले की परीक्षण के दौरान बल्लभगढ़ इंस्टीट्यूट के अधिकारी ने यह भी लिखकर दिया कि मामला सुनवाई के योग्य प्रतीत नहीं हो रहा है। इस मामले में ३ अप्रैल को आयोग ने अपना फैसला सुनाया। उन्होंने पुलिस को चेताया कि वे आरटीआई की धारा का उल्लंघन न करे। निर्णय की प्रतिलिपि छत्तीसगढ़ शासन के मुख्य सचिव पी उम्मेन जाय को भी उपलब्ध कराई गई है।