राजनांदगांव जिला निवासी शत्रुहन ने वकील पराग कोटेचा व आनंद शुक्ला के जरिए हाईकोर्ट में अपील की है। इसमें कहा गया है कि वह कोटवार बनने के पहले गांव में पंच था। इस बीच १६ अप्रैल २००० को कोटवार बनने के लिए तहसीलदार के समक्ष आवेदनपत्र प्रस्तुत किया और १७ अप्रैल को पंच पद से इस्तीफा दे दिया। उसके आवेदन पत्र के आधार पर तहसीलदार ने ३० जून २००० को उसे कोटवार बना दिया। इस बीच गांव के हेमलाल व कृष्णकुमार ने एसडीओ से शिकायत की, जिसे खारिज कर दिया गया। इस पर शिकायतकर्ताओं ने कलेक्टर के पास अपील की। कलेक्टर ने भी मामले को खारिज कर दिया। इसके बाद मामला राजस्व मंडल पहुंचा। राजस्व मंडल ने कलेक्टर के आदेश को निरस्त करते हुए कोटवार की सेवाएं समाप्त करने का आदेश दिया। इस निर्णय के खिलाफ शत्रुहन ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई। हाईकोर्ट ने राजस्व मंडल के फैसले को सही ठहराया, लिहाजा शत्रुहन ने डिवीजन बेंच में अपील की। इस मामले की प्रारंभिक सुनवाई करते हुए डिवीजन बेंच ने राज्य शासन व कलेक्टर को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
UK: The Supreme Court on the 'creditor duty' - its existence, content and
engagement
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1 year ago