Apr 14, 2010

राज्यपाल और सीएम को नोटिस

छत्‍तीसगढ के महिला बाल विकास परिषद से बर्खास्त टाइपिस्टों की यचिका पर सुनवाई करते हुए बिलासपुर हाईकोर्ट ने राज्यपाल व मुख्यमंत्री को नोटिस जारी किया है। जवाब के लिए चार सप्ताह बाद की तिथि तय की गई है। कृष्ण कुमार बघेल व तरूण साहू ने अपने वकील के जरिए हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि सितंबर २००९ में आंगनबाड़ी प्रशिक्षण केंद्र जशपुर व धरमजयगढ़ में उनकी नियुक्ति टाइपिस्ट के पद पर की गई थी। नियुक्ति तिथि से वे दोनों नियमित रूप से कार्य कर रहे थे। अचानक परिषद के महासचिव मोहन चोपड़ा ने बिना किसी कारण के जनवरी २०१० में उनकी सेवा समाप्त कर दी।

इसके खिलाफ परिषद के पदेन अध्यक्ष राज्यपाल व पदेन वरिष्ठ उपाध्यक्ष मुख्यमंत्री के सामने अभ्यावेदन प्रस्तुत कर गुहार लगाई गई थी।राज्यपाल व मुख्यमंत्री ने अभ्यावेदन पर कोई कार्रवाई नहीं की। मंगलवार को इस मामले की सुनवाई जस्टिस सतीश अग्निहोत्री की सिंगल बेंच में हुई। जस्टिस श्री अग्निहोत्री ने राज्यपाल व मुख्यमंत्री के अलावा महिला एवं बाल विकास के सचिव तथा बाल विकास परिषद के महासचिव को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। यहां यह बताना लाजिमी है कि याचिकाकर्ताओं ने छग बाल विकास परिषद के पदेन अध्यक्ष व पदेन वरिष्ठ उपाध्यक्ष होने के नाते राज्यपाल व मुख्यमंत्री को प्रमुख पक्षकार बनाया है।

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