Apr 2, 2010

बेटे को उम्रकैद मां की रिहाई : बेटे के साथ मिलकर कर शराबी पति की कर दी थी हत्या

बेटे के साथ मिलकर शराबी पति की हत्या करने के आरोप में निचली अदालत द्वारा दी गई उम्रकैद की सजा को छ्त्तीसगढ हाईकोर्ट ने पलटते हुए आरोपी की मां को रिहा करने का आदेश दिया है। वहीं मां के साथ उम्रकैद की सजा काट रहे बेटे की सजा को बरकरार रखा गया है। मामला महासमुंद का है।

महासमुंद निवासी पुसऊ राम आदतन शराबी था। शराब पीकर हुड़दंग करना और घर के सदस्यों के साथ मारपीट तथा गाली-गलौज करना आम बात थी। 25 मार्च 2004 को पुसऊ राम शराब पीकर घर पहुंचा। किसी बात पर उसने पत्नी व बेटे की पिटाई कर दी। रात में बीच-बचाव करने पर विवाद शांत हुआ। दूसरे दिन 26 मार्च को वह फिर शराब पीकर घर आया और हुड़दंग करने लगा। रोज-रोज की मारपीट और प्रताड़ना से तंग आकर पत्नी मनमीत ने अपने बेटे रोहित के साथ मिलकर पति हत्या करने की ठानी और घटना को उसी रात अंजाम दे दिया। 

मामले की सुनवाई के बाद सत्र न्यायाधीश महासमुंद ने पत्नी व बेटे को उम्रकैद की सजा सुनाई। मां के साथ उम्रकैद की सजा काट रहे बेटे रोहित ने अपने वकील के जरिए निचली अदालत के फैसले को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में अपील की। सोमवार को इस मामले की सुनवाई जस्टिस टीपी शर्मा व जस्टिस आरएल झंवर की डिवीजन बेंच में हुई। डिवीजन बेंच ने पत्नी मनमीत की उम्रकैद की सजा को खत्म करते हुए उसे रिहा करने का आदेश दिया। इसके साथ ही निचली अदालत द्वारा रोहित को दी गई आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखते हुए अपील खारिज कर दी गई।

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