Apr 1, 2010

मध्यस्थता निराकरण का अच्छा माध्यम : जस्टिस धीरेंद्र मिश्रा

"आपसी विवाद निराकरण के लिए लोक अदालत एवं मध्यस्था अच्छा माध्यम है। न्याय में देरी होने से लोगों की आस्था न्यायालय के प्रति कम होती है इसलिए दो पक्षकारों के विवादों को लोक अदालत एवं मध्यस्थता के माध्यम से समाप्त किया जा सकता है।"

यह बातें छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष धीरेंद्र मिश्रा ने कही। वे छत्तीसगढ़ के सक्ती नगर में जनप्रतिनिधियों, न्यायिक एवं प्रशासनिक अधिकारियों के सेमीनार को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने आगे कहा कि विगत तीन-चार वर्षो में लोक अदालत को अच्छा प्रतिसाद मिला है। हजारों प्रकरणों का निराकरण किया गया है। उन्होंने कहा छोटे-मोटे विवादों को वैकल्पिक पद्घति से निपटाने का प्रयास होना चाहिए। लोक अदालत के माध्यम से कम खर्च, अल्प समय में टूटते परिवारों को बचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि लोक अदालत एवं मध्यस्थता के प्रचार-प्रसार में अधिवक्ताओं एवं मीडिया की अहम भूमिका है। श्री मिश्रा ने कहा कि न्यायधीशों के लिए आवासीय भवन की सुविधा मिल जाने से क्षमता के साथ बेहतर कार्य कर सकेंगे। 

जिला सत्र एवं न्यायाधीश गौतम चौराड़िया ने कहा कि लोक अदालत एवं मध्यस्थ की जानकारी जन-जन तक एवं गांव-गांव तक पहुंचाएं। लोक अदालत मे सरलता से न्याय मिल सकता है। जिला अधिवक्ता संघ सक्ती के अध्यक्ष संदीप बनाफर ने स्वागत भाषण दिया तथा आभार प्रदर्शन अतिरिक्त सत्र एवं न्यायधीश सक्ती एके प्रधान ने किया। श्री मिश्रा ने सक्ती में २५.५८ लाख रुपए की लागत से नवनिर्मित न्यायाधीश आवासीय भवन का लोकार्पण भी किया। इस मौके पर राज्य परिषद के सदस्य एलडी चंद्रा, नगरपालिका सक्ती अध्यक्ष नरेश गेवाडीन, नगरपालिका जांजगीर के अध्यक्ष रमेश पैगवार, जनपद अध्यक्ष सक्ती श्रीमती अंजू राठौर, जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष अजय केशरवानी, कलेक्टर ब्रजेश चंद्र मिश्र, एसपी डॉ. आनंद छाबड़ा आदि उपस्थित थे।

My Blog List