दुर्ग जिला उपभोक्ता फोरम ने सेवा में कमी के एक मामले में वाशिंग मशीन विक्रेता, सुधारक व एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी के प्रबंधक को संयुक्त रूप से ग्राहक को वाशिंग मशीन की कीमत अदा करने निर्देशित किया है। इस मामले में वाशिंग मशीन खरीदी के १ वर्ष बाद ही खराब हो गई थी। प्रकरण के अनुसार परिवादी लवकुश सिंगरोल (४९) ने ६ जुलाई ०७ को मोतीपारा स्टेशन रोड में जायसवाल इलेक्ट्रॉनिक दुकान से १२ हजार ४९८ रुपए नकदी देकर एलजी कंपनी की वाशिंग मशीन खरीदा था। विक्रेता ने मशीन की ५ वर्ष की वारंटी होना बताया था।
इसके अलावा यह भी बताया गया था कि विक्रय एक वर्ष के भीतर मशीन में खराबी आने से यदि वह सुधारने लायक नहीं रही तो नई मशीन दी जाएगी। मशीन घर लाने पर वह पहले दिन से ही सही ढंग से काम नहीं कर रही थी, जिसकी शिकायत परिवादी ने दुकानदार से की। दुकानदार ने सुधार कार्य के लिए मिस्त्री घर भेजा। अधिकृत मिस्त्री द्वारा भी मशीन की खराबी दूर नहीं की जा सकी। दुकानदार ने उक्त मशीन को सुधारने के लिए एक अधिकृत सुधारक ब्लॉक नंबर ६/४ प्रियदर्शनी परिसर सुपेला स्थित हाईटेक इलेक्ट्रॉनिक्स में भेजा। उक्त अधिकृत सर्विस सेंटर में मशीन को ४ माह तक रखा गया, लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ। बार-बार तकादा करने पर १४ जुलाई ०८ को यह कहते हुए कि मशीन सुधार दी गई है। मशीन को रिक्शे में लोड करवाकर प्रार्थी के घर भेज दी गई, लेकिन मशीन खराब थी। घटिया स्तर की वाशिंग मशीन विक्रय कर व्यावसायिक दुराचरण एवं सेवा में कमी के मामले में परिवादी ने जायसवाल इलेक्ट्रॉनिक्स, एलजी कंपनी के सामानों के अधिकृत सुधारक प्रियदर्शनी परिसर सुपेला स्थित हाईटेक इलेक्ट्रॉनिक्स नोएडा (यूपी) के खिलाफ जिला उपभोक्ता फोरम में परिवाद पेश किया। परिवाद की सुनवाई पश्चात फोरम के अध्यक्ष महेंद्र राठौर व सदस्त तृप्ति शास्त्री व शुभा सिंह ने परिवादी के पक्ष में आदेश दिया।