
अचानक नियुक्ति निरस्त होने से घबराए आवेदकों ने जानकारी मांगी, तो उन्हें पता चला कि अब प्रतीक्षा सूची निरस्त कर दी गई और नए सिरे से भर्ती के लिए विज्ञापन जारी कर दिया गया है। इससे परेशान होकर वेटिंग लिस्ट के उम्मीदवारों ने हाईकोर्ट की शरण ली। हाईकोर्ट ने प्रारंभिक सुनवाई के दौरान रायपुर एसपी सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। इस बीच कोर्ट ने चयन प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी। इधर, बिलासपुर के दिव्यकिरण खलखो, कोरबा के दिलीप रात्रे व जशपुर के जन्मेजय सिंह ने भी हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर कर दीं। मामले में हाईकोर्ट ने राज्य शासन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। शासन का जवाब आने के बाद 22 मार्च को फिर से प्रकरण की सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने पूछा कि प्रदेश में आरक्षकों के कितने पद रिक्त हैं। शासन ने यह जानकारी देने के लिए समय मांगा, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर अगली सुनवाई के लिए 13 अप्रैल की तिथि तय की है। इस दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट के ध्यान में यह बात लाया कि बिलासपुर, कोरबा व जशपुर में आरक्षकों की चयन प्रक्रिया जारी है। इस पर हाईकोर्ट ने आगामी आदेश तक चयन प्रक्रिया पर रोक लगा दी। मामले में याचिकाकर्ता की तरफ से वकील जितेंद्र पाली, मतीन सिद्दीकी व वरुण शर्मा ने पैरवी की।