Mar 29, 2010

राजू उर्फ प्रमोद सिंह की सजा बरकरार : निचली अदालत का फैसला सही

वाद पत्र के अनुसार घटना 28 जून 1993 को राजू ट्रेवल्स की मिनी बस क्रमांक एमपी 24 सी 1070 राजनांदगांव जिले के गंडई की तरफ से तेज गति से आ रही थी। वाहन चालक राजू उर्फ प्रमोद सिंह ने लापरवाहीपूर्वक गलत दिशा की ओर वाहन चलाते हुए बस का इंतजार कर रहे यात्रियों को ठोकर मार दी और मिनी बस पास के घर में जा घुसी। इस हादसे में कई लोग घायल हो गए थे। इसमें बालाराम व यशोदा बाई को गंभीर चोटें आई थीं। दोनों को उपचार के लिए भिलाई स्थित सेक्टर 9 हास्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान बालाराम की मौत हो गई। इस मामले में छुईखदान पुलिस ने 304 (अ), 338 के तहत जुर्म दर्ज किया। न्यायालय में चालान पेश करने के बाद खैरागढ़ के न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी ने 22 अप्रैल 1997 को आरोपी को तीन माह कारावास व एक हजार रुपए अर्थदंड दिया।

इस फैसले के खिलाफ आरोपी ने राजनांदगांव के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश के समक्ष अपील की, जिसे खारिज कर दिया गया। इसके बाद आरोपी ने बिलासपुर हाईकोर्ट में अपील की। सभी पक्षों की सुनवाई के बाद जस्टिस टीपी शर्मा ने आरोपी की सजा को बरकरार रखते हुए निचली अदालत के फैसले को सही ठहराया है।

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