आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में छापा मारने पर डीजीपी लोकायुक्त के खिलाफ रायपुर की निचली अदालत में चल रहे परिवाद पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। डीजीपी लोकायुक्त एसपी डांगवाल के निर्देश पर लोकायुक्त एसपी रायपुर व डीएसपी लोकायुक्त रायपुर ने वर्ष १९९६ में विद्युत मंडल के कार्यपालन अभियंता उमेश चौबे के मकान में आय से अधिक संपत्ति रखने पर छापा मारा। कार्रवाई के बाद लोकायुक्त ने न्यायालय में चालान पेश किया। प्रकरण में श्री चौबे ने जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका प्रस्तुत की। जबलपुर हाईकोर्ट से दोषमुक्त होने के बाद उन्होंने डीजीपी श्री डांगवाल सहित अन्य अधिकारियों के खिलाफ रायपुर की निचली अदालत में परिवाद प्रस्तुत किया। इसमें प्रताड़ित करने व परेशान करने के लिए छापा मार कार्रवाई करने की बात कही गई है। निचली अदालत ने परिवाद को स्वीकार कर सुनवाई प्रारंभ कर दी। इस पर श्री डांगवाल ने अधिवक्ता रणवीर सिंह मन्हास के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका पेश कर निचली अदालत में चल रहे मामले पर रोक लगाने की मांग की। हाईकोर्ट ने सुनवाई उपरांत निचली अदालत की कार्रवाई पर रोक लगा दी है।
रौशनी में आदिम जिन्दगी : भाग 1
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