बिलासपुर हाईकोर्ट ने कलेक्टर द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को नियुक्ति दिए जाने संबंधी आदेश पर रोक लगा दी है। प्रकरण में राज्य शासन, सीएमओ तखतपुर व परियोजना अधिकारी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। तखतपुर निवासी मधु देवांगन की ३१ मार्च २००६ को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पद पर नियुक्ति हुई। रिक्त पदों के लिए हुई प्रतियोगी परीक्षा के घोषित परिणाम में शीतला अवस्थी प्रथम व मधु देवांगन दूसरे स्थान में रहीं। प्रावीण्य सूची में शीतला अवस्थी के प्रथम स्थान पर होने के बाद भी नियुक्ति नहीं हुई। इस पर उसने कलेक्टर के समक्ष अपील कर मधु देवांगन के स्थान पर नियुक्ति दिलाने की मांग की। पहले स्थान पर होने के कारण उसे मधु देवांगन के स्थान पर नियुक्ति देने का आदेश दिया गया। कलेक्टर के इस आदेश को मधु ने हाईकोर्ट में चुनौती दी। याचिका में कहा गया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की उम्मीदवार का नाम संबंधित पंचायत की मतदाता सूची में होनी चाहिए। इसके अलावा उम्मीदवार का काई भी नजदीकी रिश्तेदार शासकीय सेवा में नहीं होना चाहिए। शीतला अवस्थी का नाम मतदाता सूची में नहीं होने के कारण चयन नहीं किया गया। इसी प्रकार उनके पिता शासकीय सेवा में हैं। अपील भी विलंब से की गई। इस आधार पर कलेक्टर के आदेश पर रोक लगाने की मांग की गई। इस पर गुヒवार को सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कलेक्टर के आदेश पर रोक लगा दी है। प्रकरण में शासन, सीएमओ तखतपुर, परियोजना अधिकारी आंगनबाड़ी को नोटिस जारी किया गया है।
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लेह अब यादें ही शेष हैं