बिलासपुर हाईकोर्ट ने सरकारी डॉक्टर को एमडी करने की अनुमति देने का आदेश स्वास्थ्य सेवाएं के संचालक को दिया है। साथ ही प्रवेश परीक्षा नियम बुकलेट को गलत छापने वाले खिलाफ जांच करने के लिए कहा गया है। डॉ. केके सोम की नियुक्ति वर्ष १९८७ में ट्राइबल क्षेत्र में चिकित्सक के पद पर हुईं। उन्होंने १९९० में विभाग से अनुमति लेकर निश्चेतन विषय पर डिप्लोमा किया। इसके बाद उनकी नियुक्ति कांकेर अस्पताल में की गई है। वे वर्ष २०१० में प्री-पीजी परीक्षा में शामिल हुए। प्री-पीजी परीक्षा पास करने के बाद उन्हें मेडिसीन में डिग्री करने सीट आबंटित की गई। लिहाजा उन्होंने एमडी करने के लिए विभाग में अनुमति देने आवेदन दिया, लेकिन स्वास्थ्य सेवाएं संचालक ने अनुमति नहीं दी। इस पर उन्होंने अधिवक्ता अली असगर के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका लगाई। इसमें बताया गया कि छत्तीसगढ़ मेडिकल स्नातकोत्तर प्रवेश परीक्षा नियम २००४ में बुकलेट को गलत छापा गया है। इसके आधार पर बिना उचित कारण के अनुमति नहीं दी गई। मामले की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य सेवाएं के संचालक को अनुमति देने का आदेश दिया है।
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