Jul 24, 2010

पुलिस को मिली क्लीन चीट

युवक के खुदकुशी करने के मामले में पुलिस के खिलाफ प्रताड़ना का आरोप लगाकर दाखिल की गई याचिका को बिलासपुर हाईकोर्ट ने खारिज कर पुलिस को क्लिनचीट दे दिया। याचिका में मृतक के आश्रित को २५ लाख रुपए मुआवजा देने की मांग की गई थी।

धमतरी जिले के ग्राम कोसमर्रा निवासी पुलऊ राम की २७ दिसंबर २००६ को हत्या हो गई थी। इस मामले में धमतरी क्राइम ब्रांच की टीम ने गांव के ही काशीराम के पुत्र सालिकराम को पूछताछ के लिए १९ जनवरी २००७ को थाने लाया था। इसके बाद युवक रात को वापस घर नहीं लौटा। ग्रामीणों ने २० जनवरी की सुबह गांव के बाहर पेड़ में उसकी फांसी पर लटकी हुई लाश देखी। इस पर मृतक के परिजनों ने पुलिस की पिटाई से मौत होने तथा प्रताड़ित करने का आरोप लगाया। हंगामा के बाद शासन ने एसडीओ धमतरी से मामले की जांच कराई। एसडीओ ने युवक द्वारा खुदकुशी करने की रिपोर्ट दी। इसके अलावा मानवाधिकार आयोग के तत्कालीन सदस्य वीएस चौबे ने भी जांच कर युवक के खुदकुशी करने की पुष्टि की। इसके बाद मृतक के पिता काशीराम एवं सामाजिक कार्यकर्ता सुभाष महापात्र ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर धमतरी क्राइम ब्रांच टीम के प्रताड़ना से खुदकुशी की बात कहते हुए उसके खिलाफ धारा ३०६ के तहत अपराध दर्ज करने एवं मृतक के आश्रित को २५ लाख रुपए मुआवजा देने की मांग की गई। हाईकोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद याचिका को खारिज कर दिया।


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