दहेज प्रताड़ना के एक मामले में फरार अधिवक्ता के भाई को गुरुवार को छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के नेवई पुलिस ने न्यायिक मजिस्ट्रेट वेन्सलास टोप्पो के न्यायालय में पेश किया। जहां से २७ जुलाई तक उसे न्यायिक रिमांड में जेल भेज दिया गया।
प्रकरण के अनुसार रिसाली भिलाई निवासी अरुणा पति सुधाकर काम्बले (२५) ने महिला थाने में शिकायत की थी कि उसका विवाह ७ सितम्बर २००७ को सुधाकर से हुआ था। दोनों ने प्रेम विवाह किया था। शादी के बाद उसका पति सुधाकर, सास कुसुम, अधिवक्ता जेठ अनिल जेठानी छाया उसे मायके से ५० हजार रुपए लेकर आने के लिए शारीरिक व मानसिक रुप से प्रताड़ित किया करते थे।
पुलिस ने २१ नवम्बर २००९ को मामले में चारों को आरोपी बनाते हुए उनके विरुद्ध धारा ४९८, ३४ के तहत जुर्म दर्ज किया। इसके बाद से सुधाकर फरार चल रहा था। वहीं सास कुसुम व जेठानी छाया को पुलिस ने ११ जनवरी व अधिवक्ता अनिल काम्बले को ७ अप्रैल को पुलिस ने पकड़कर न्यायालय में पेश किया। जहां से उन्हें न्यायिक रिमांड में जेल भेज दिया गया था। गुरुवार को सुधाकर को गिरफ्तार कर पुलिस ने न्यायालय में पेश किया। जहां से १४ दिन की रिमांड पर उसे जेल भेज दिया गया।
टोनही प्रताड़ना के आरोपी जेल गए
अधेड़ महिला के घर घुसकर उसकी पिटाई करने व उसे टोनही कहकर प्रताड़ित करने के चार आरोपियों को गुरुवार को उसी न्यायालय ने न्यायिक रिमाण्ड पर जेल भेज दिया। न्यायिक मजिस्ट्रेट वेंसलास टोप्पो ने यह आदेश जारी किया। प्रकरण के अनुसार बीमलेश्वरी नगर बोरसी निवासी ललिता पति प्यारेलाल साहू (५०) की वहीं के श्रवण यादव, मनोज यादव, चंद्रिका साहू व भरत साहू ने घर में घुसकर बेदम पिटाई कर दी थी। इस दौरान आरोपियों ने ललिता को टोनही कहकर भी शारीरिक व मानसिक रुप से प्रताड़ित किया था। पुलगांव पुलिस ने चारों आरोपियों के विरुद्ध धारा ४५१, २९४, ३२३ व ४, ५ टोनही प्रताड़ना एक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए गुरुवार को आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया था।
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