उच्चतम न्यायालय ने पिछले शुक्रवार को वस्तुत: माओवादी हिंसा से प्रभावित छत्तीसगढ़ की सरकार की खिंचाई करते हुए कहा कि उसका शासन आधे राज्य में नहीं चलता है।
न्यायमूर्ति आरवी रवींद्रन और एचएल गोखले ने छत्तीसगढ़ शासन से पूछा, 50 फीसदी जिलों में आपकी सरकार भी नहीं है। अधिनियम को आपके लागू करने का सवाल कहां उठता है। पीठ ने यह टिप्पणी उस वक्त की जब छत्तीसगढ़ सरकार के वकील ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दावा किया कि राज्य सरकार परिश्रम से बाल न्याय अधिनियम, 2000 को लागू कर रही है। उन्होंने दावा किया कि राज्य ने जिला कल्याण बोर्ड और बाल कल्याण समिति का गठन किया है। इसने पीठ को टिप्पणी करने पर बाध्य किया।
छत्तीसगढ़ हाल के महीनों में माओवादी हिंसा का केंद्र रहा है। वहां इस साल छह अप्रैल को नक्सली हिंसा में सीआरपीएफ के 76 जवान मारे गए थे। उसके बाद गत 29 जून को नारायणपुर में नक्सली हमले में 26 अन्य जवान मारे गए थे।
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