बिलासपुर हाईकोर्ट ने निर्माण तोड़ने की कार्रवाई पर रोक लगाने दाखिल याचिका को निराकृत करते हुए नगर निगम भिलाई को याचिकाकर्ताओं के अभ्यावेदन पर उचित निर्णय लेने का आदेश दिया है।
शकुंतला मेहता, कुलवंत गुप्ता एव निरंजन सिंह ने नगर निगम भिलाई से अनुमति लेकर अलग-अलग स्थान में होटल का निर्माण कराया है। नगर निगम ने २२ मई २००९ को उन्हें नोटिस जारी कर तीनों को अवैध निर्माण बताया। इस संबंध में २९ मई तक जवाब प्रस्तुत करने का आदेश दिया। इस पर तीनों २५ मई को कमिश्नर के समक्ष उपस्थित हुए। कमिश्नर ने जवाब लेने से इनकार कर दिया। इसके बाद इन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर तोड़फोड़ की कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की। हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को अंतरिम राहत प्रदान करते हुए तोड़फोड़ की कार्रवाई पर रोक लगा दिया। मंगलवार को हाईकोर्ट में प्रकरण की अंतिम सुनवाई हुई। इसमें हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को नगर निगम में अभ्यावेदन देने तथा निगम को अभ्यावेदन पर उचित निर्णय लेने के निर्देश देते हुए याचिका को निराकृत किया है।
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