छत्तीसगढ़ राज्य हाईकोर्ट के न्यायाधीश और राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के कार्यवाहक अध्यक्ष जस्टिस धीरेन्द्र मिश्रा ने कल दुर्ग के जेल और बार रुम का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने दस्तावेजों की जांच की और आवश्यक निर्देश भी दिए।
जस्टिस श्री मिश्रा शनिवार को श्रम न्यायालय परिसर दुर्ग में नवनिर्मित न्याय सदन का लोकार्पण करने आए थे। भवन का लोकार्पण के मौके पर श्री मिश्रा ने कहा कि समाज के सभी वर्ग को एक ही छत के नीचे विधिक सेवा उपलब्ध कराने तथा न्यायालयीन प्रकरणों के निराकरण में गति लाने में सदन की महती भूमिका होगी।
उन्होंने बताया कि यह राज्य का चौथा न्याय सदन भवन है। आने वाले दो वर्षों में प्रदेश के अन्य सभी जिलों में इसकी स्थापना हो जाएगी। न्यायमूर्ति श्री मिश्रा ने बताया कि लोगों को मुफ्त कानूनी सहायता एवं सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए न्यायपालिका द्वारा राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गठित किया गया है। इनके माध्यम से समाज के हर वर्ग को कानूनी सहायता उपलब्ध कराने का प्रयास जारी है। उन्होंने कहा कि इसकी सफलता के लिए स्वयं सेवी संगठनों, नाट्य संस्थायें व जनप्रतिनिधियों का सहयोग जरुरी है। उन्होंने कहा कि प्रचार माध्यमों के द्वारा हमें समाज के शिक्षित वर्ग तक कानून के संबंध में जानकारी पहुंचाने में कामयाबी मिली है लेकिन आज भी हमें विधिक सेवा कार्यक्रमों को ग्रामीण जनता के बीच प्रत्येक पंचायतों तक पहुंचाना है। उन्होंने उपस्थितजनों से अपील की है कि हम ऐसा समाज बनाएं जिसमें अपराध के प्रति लोगो में भय हो तथा दण्ड देने वाले न्यायपालिका के प्रति विश्वास हो।
जिला न्यायाधीश अशोक पण्डा ने जनप्रतिनिधियों को मार्गदर्शक के रुप में न्याय की प्रथम सीढ़ी निरुपित करते हुए विधिक साक्षरता शिविरों में बताए कानून सेवाओं को विस्तृत रुप से जन-जन तक पहुंचाने का आग्रह किया। कार्यक्रम में जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष संजय अग्रवाल, सचिव शिवशंकर सिंह और महापौर डॉ. एस.के. तमेर ने विधिक सेवा कार्यक्रमों के संचालन में जनप्रतिनिधियों के योगदान पर अपने विचार व्यक्त किए। इससे पूर्व मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति श्री मिश्रा ने मुख्य प्रवेश द्वार पर फीता काटकर न्याय सदन भवन का लोकार्पण किया। इस अवसर पर जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष महेन्द्र राठौर, छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव आनंद सिंघल, संयुक्त कलेक्टर धरमवीर शर्मा, अधिवक्तागण, नागरिक उपस्थित थे।