Jul 1, 2010

हाईकोर्ट ने भाजपा व कांग्रेस से मांगा जवाब : राम मंदिर आखिर चुनावी मुद्दा क्यों ?

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने दो अलग-अलग मामलों में भाजपा और कांग्रेस पार्टी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। याचिका में चुनाव के समय मतदाताओं को लुभाने के लिए सस्ता चावल देने की योजना के साथ ही राम मंदिर को चुनावी मुद्दा बनाने पर आपत्ति की गई है।

जस्टिस आईएम कुद्दुशी व जस्टिस एनके अग्रवाल की युगलपीठ में बुधवार को दो महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई हुई। हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता वीजी तामस्कर द्वारा दायर दो अलग-अलग याचिकाओं में राजनीतिक दल भाजपा और कांग्रेस द्वारा लोकसभा चुनाव के दौरान मतदाताओं को लुभाने के लिए एक और दो रुपए किलो में चावल, गेहूं व फ्री में नमक देने की घोषणा को चुनौती दी गई है। याचिका में कहा गया है कि आचार संहिता लागू होने के बाद किसी भी पार्टी द्वारा इस तरह की घोषणा करने का मतलब मतदाताओं को अपने पक्ष में मत डालने के लिए प्रलोभन देना है। इस तरह की घोषणाओं से राजनीतिक दलों ने मतदाताओं को तीन ग्रुप में बांट दिया है, जिसमें पहला ग्रुप उन लोगों का है, जो इनकम टैक्स देते हैं, दूसरे ग्रुप में नान इनकम टैक्सपेयी और तीसरे ग्रुप में बीपीएल कार्डधारी आ जाते हैं। याचिका के अनुसार संविधान किसी राजनीतिक पार्टी को यह अधिकार नहीं देता कि वे समाज को बांटे। याचिका में भाजपा द्वारा चुनाव के दौरान अयोध्या में राम मंदिर बनाने के मुद्दे को संकल्प पत्र में शामिल करने पर कड़ी आपत्ति की गई है। याचिकाकर्ता का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मसले पर किसी तरह के निर्माण कार्य के साथ ही राजनीतिक टिप्पणी करने पर भी रोक लगाई है, लेकिन भाजपा के तात्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष लालकृष्ण आडवानी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को दरकिनार कर राम मंदिर के मसले पर अखबारों में बयानबाजी की है। उनका यह कृत्य सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन है। बुधवार को हाईकोर्ट की युगलपीठ ने इस मामले की सुनवाई करते हुए दोनों राष्ट्रीय पार्टियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई ११ अगस्त को होगी। मालूम हो कि चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में गरीबों को दो रुपए किलो में चावल और फ्री में नमक देने की घोषणा की थी। इस घोषणा के बाद कांग्रेस पार्टी ने भी एक रुपए किलो में चावल और दो रुपए किलो में गेहूं देने की घोषणा कर दी। दोनों पार्टियों द्वारा की गई ऐसी घोषणाओं को श्री तामस्कर ने संविधान में दिए गए प्रावधानों का उल्लंघन बताया है।

My Blog List