Jun 20, 2010

नौकरी व बर्खास्तगी आदेश साथ-साथ

बिलासपुर हाईकोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई के दौरान अपनी तरह का एक अलग ही मामला सामने आया। हाईकोर्ट के आदेश पर सीएमओ ने याचिकाकर्ता को नियुक्ति और बर्खास्तगी दोनों आदेश एक साथ जारी कर दिया। इससे परेशान याचिकाकर्ता ने दोबारा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। प्रकरण की सुनवाई के बाद सिंगल बेंच ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के सचिव सहित आला अफसरों को नोटिस जारी किया है।

मामला महासमुंद जिले के पाटसेंटरी का है। राज्य शासन द्वारा संचालित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कोमल प्रसाद नायक को २ जुलाई सन्‌ २००८ में फार्मासिस्ट ग्रेड-२ के पद पर नियुक्ति दी गई थी। महासमुंद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) ने फार्मासिस्ट पर पूरक और वार्षिक परीक्षा के अंकों को एक साथ जोड़कर दस्तावेज प्रस्तुत करने का आरोप लगाते हुए नियुक्ति निरस्त करने संबंधी आदेश जारी कर दिया। इसे याचिकाकर्ता कोमल ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। इसमें उन्होंने कहा था कि अंतिम वर्ष के परीक्षा परिणाम की समूची जानकारी सूचीबद्ध कर सीएमओ के सामने पेश की गई थी। इसमें परीक्षा के परिणाम को ही शामिल किया गया था। मामले की प्रारंभिक सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने याचिकाकर्ता को राहत देते हुए सीएमओ द्वारा जारी बर्खास्तगी आदेश को रद्द कर दिया था। साथ ही सीएमओ को नोटिस जारी कर याचिकाकर्ता को सुनवाई का अवसर देने का आदेश दिया था। इसके एक सप्ताह के बाद सीएमओ ने फौरीतौर पर कार्रवाई करते हुए याचिकाकर्ता को फार्मासिस्ट ग्रेड-२ के पद पर सशर्त नियुक्ति दे दी। जारी नियुक्ति पत्र में सीएमओ ने बड़ी चालाकी के साथ उनकी बर्खास्तगी का रास्ता भी तय कर दिया। दरअसल, इसमें इस बात का उल्लेख किया गया कि याचिकाकर्ता की नियुक्ति एक माह के भीतर स्वमेव समाप्त हो जाएगी। सीएमओ की इस तरह की कार्रवाई की शिकायत करते हुए याचिकाकर्ता ने दोबारा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और सीएमओ द्वारा उसे जबरिया परेशान करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी इस तरह की कार्रवाई से उनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। इस मामले की सुनवाई हाईकोर्ट की सिंगल बेंच में हुई। हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के सचिव, महासमुंद कलेक्टर, सीएमओ को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं।

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