Jun 25, 2010

छात्रा को डीएड में प्रवेश देने का आदेश

बिलासपुर हाईकोर्ट नें प्रवेश दिए जाने के बाद संस्थान से बाहर किए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर छात्रा को डीएड में प्रवेश देने का आदेश दिया है।

दुर्ग जिले के ग्राम खैरवार बाजार निवासी कुमारी हीना पिता सुधीर कुमार (१९) वर्ष २००९ डीएड प्रवेश परीक्षा में शामिल हुई थी। जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान नगरी सिहावा में काउंसिलिंग के लिए उसका चयन हुआ। समय पर कॉल लेटर नहीं मिलने से वह काउंसिलिंग के दूसरे दिन कॉलेज में उपस्थित हुई। संस्थान के प्राचार्य ने फीस लेकर उसे प्रवेश दे दिया। इसके बाद प्राचार्य ने १९ अगस्त २००९ को उच्च अधिकारियों से दिशा-निर्देश नहीं मिलने का हवाला देते हुए उसके प्रवेश को रद्द कर दिया।

इस पर छात्रा ने अधिवक्ता टीके तिवारी के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की। इसमें स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव एवं प्राचार्य को पक्षकार बनाया गया। हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर उत्तरवादियों से जवाब मांगा था। बुधवार को इस मामले की सुनवाई जस्टिस एसके अग्निहोत्री की सिंगल बेंच में हुई। दोनों पक्षों को सुनने के बाद हईकोर्ट ने छात्रा को डीएड में प्रवेश देने का आदेश दिया है।

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