Jun 29, 2010

पंचनामा आधार पर अब होगा क्लेम

बीमा राशि अवार्ड के नियम हुए सरल, पंचनामे के दौरान उपस्थित लोगों का कथन ही होगा पर्याप्त

छत्‍तीसगढ़ राज्य की भौगोलिक और सामाजिक स्थिति तथा समस्याएं देखते हुए बीमा कंपनी ने मछुआरों के लिए बीमा क्लेम नियम शिथिल किया है। पहले उन्हें जहां इसके लिए 13 दस्तावेज प्रस्तुत करने पड़ते थे, अब मात्र चार कागजात देने होंगे। चिकित्सक से मिली पोस्टमार्टम रिपोर्ट या मृत्यु प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं पड़ेगी, बल्कि पंचनामा के दौरान उपस्थित लोगों का कथन ही पर्याप्त होगा। राष्ट्रीय मत्स्य जीवी सहकारी संघ मर्यादित (फिश्कोफेड) की कार्यशाला में वक्ताओं ने परेशानियों का उल्लेख करते हुए बीमा क्लेम नियमों को शिथिल करने पर जोर दिया। राज्य के दंतेवाड़ा, नारायणपुर और बीजापुर जिले में नक्सलियों का आतंक है। उनके डर से वहां कोई चिकित्सक नहीं जाता। इससे न तो उनका पोस्टमार्टम हो पाता है और न ही उन्हें मृत्यु प्रमाणपत्र मिल पाता है। कभी-कभी तो पोस्टमार्टम की प्रतीक्षा में उनकी लाश तीन-चार दिन यूं ही रह जाती है। दुर्घटनाएं किसी को बोलकर नहीं आतीं। कभी नाव पलट जाती है, तो कभी सांप डस लेता है। मछलियों के परिवहन के समय भी हादसे हो जाते हैं। ऐसे में नियमों को शिथिल किया जाए।

पहले के नियम : अब तक बीमा की राशि क्लेम करने के लिए मृतक की पहचान के साथ पंचनामे की कापी, क्षेत्र के सिविल सर्जन से मिली पोस्टमार्टम रिपोर्ट, मृत्यु प्रमाणपत्र, पहचानपत्र, बीमा के प्रीमियम की रसीद, बीमा की तिथि, दुर्घटना की पुष्टि, उत्तराधिकारी के दस्तावेज, मामले की जांच रिपोर्ट, एफआईआर की कापी, विभाग का ओपीनियन आदि जरूरी है।

अब चाहिए होंगे : अब हितग्राही को दुर्घटना के बाद पंचनामे की कापी, डीस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट से मिला प्रमाणपत्र, एफआईआर की कापी और बीमा के दस्तावेज प्रस्तुत करने पर मामले की जांच के बाद बीमा राशि हितग्राही को मिल सकती है। इसके लिए हादसे के बाद तीन महीने के भीतर क्लेम करना होगा।बीमा राशि अवार्ड के नियम हुए सरल, पंचनामे के दौरान उपस्थित लोगों का कथन ही होगा पर्याप्तयोजना

हरिभूमि न्यूज

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