Jun 28, 2010

मानवाधिकार हनन पर हाईकोर्ट ने लिया एक्शन

बडे अफसरों को अदालती नोटिस

पुलिस द्वारा थाने में बंदी के खिलाफ मानव अधिकारों के उल्लंघन से संबंधित एक प्रकरण मे छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के जस्टिस सतीश अग्निहोत्री के एकल बेंच ने दुर्ग कलेक्टर ठाकुर रामसिंह पूर्व पुलिस अधीक्षक दीपांशु काबरा सहित कुल 19 प्रतिवादियों को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया है। जिनमें नगर पुलिस अधीक्षक पहाड़े, नगर निरीक्षक दल्लीराजहरा केपी मरकाम नगर निरीक्षक डौण्डी एमआर नायक एवं अन्य पुलिस अधिकारी एवं सिपाही भी शामिल है। प्रकरण की अगली सुनवाई 14 जुलाई को निर्धारित की गई है।

उक्त जानकारी प्रदान करते हुए एक विज्ञप्ति में छत्तीसगढ़ संग्राम परिषद के संगठन सचिव अधिवक्ता राजकुमार गुप्त ने कहा है कि अगस्त 09 को डौण्डी एवं दल्लीराजहरा थाना की पुलिस द्वारा वन विभाग के विश्राम गृह में जुआ खेलते हुए 12 लोगों को गिरफ्तार किया था। जिसमें भाजपा नेता कौशलेन्द्र झा का पुत्र मनीष झा भी शामिल था। बाद में सभी आरोपियों को दल्ली राजहरा थाना लाकर उन्हें अर्धनग्न करके कतार में खड़ा करके दोनों थानों के नगर निरीक्षकों ने उनके साथ फोटो खिचायी थी। इस कामयाबी के रूप में प्रचारित करने में भी विभिन्न उपक्रम किे गए थे। छत्तीसगढ़ संग्राम परिषद ने इसकी निन्दा करते हुए उसे नागरिक की निजत और मानव अधिकारों का हनन बताया था और इसे सक्षम न्यायालय में चुनौती देने की घोषणा की थी।

बताया गया है कि परिषद की पहल पर प्रमुख याचिकाकर्ता मनीष झा सहित 7 याचिकाकर्ताओं की ओर से उच्च न्यायालय में इसे संविधान उल्लंघन का मामला मानते हुए याचिका पेश की गई है। जिसकी प्रारंभिक सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय का उल्लंघन मानते हुए सुनवाई के लिए स्वीकार किया है और राज्य शासन पुलिस महानिदेशक सहित सभी प्रतिवादियों को नोटिस जारी करने की निर्देश दिया है। याचिकाकर्ताओं की ओर से हाईकोर्ट अधिवक्ता सत्येन्द्र साहू ने पैरवी की। राज्य शासन का प्रतिनिधित्व पेनल अधिवक्ता एनएन राय ने किया।

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