Jun 29, 2010

सुदर्शन शंगारी मामले में जमानत याचिका खारिज

कूट रचना कर दूसरे की करीब ४५ लाख रुपए की संपत्ति को हड़प लेने के एक बहुचर्चित मामले में आरोपी बनाए गए दो सगे भाईयों की जमानत याचिका सोमवार को छत्‍तीसगढ़ के दुर्ग जिला न्यायालय ने खारिज कर दिया। याचिका अष्टम व्यवहार न्यायाधीश ममता बी. शुक्ला के न्यायालय में लगाई गई थी।

प्रकरण के अनुसार २७ अप्रैल २०१० को पद्मनाभपुर निवासी भारत भूषण पिता चमनलाल शंगारी (६१) व सुदर्शन पिता चमनलाल शंगारी (६३) को भिलाई पुलिस ने धारा ३८४, ४०६, ३४ के तहत गिरफ्तार किया गया था। उनके विरुद्ध भिलाई निवासी श्रीमती शुभकर्मा सूद ने थाने में शिकायत की थी कि उनके पति डी.के. सूद की मृत्यु के बाद दोनों ने कूटरचना कर फर्जी मुख्तारनामा तैयार किया और उनकी चिकित्सक बेटी अनिता से कोरे कागज में दस्तखत लेकर उनकी करीब ४५ लाख रुपए की संपत्ति को हड़प लिया। भारत भूषण व सुदर्शन को पुलिस ने न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें न्यायिक रिमांड में जेल भेज दिया गया था। इस मामले में पुलिस आज तक चालान पेश नहीं कर पाई है। सोमवार को भारत भूषण के वकील ने इसी का हवाला देते हुए धारा १६७ () के तहत जमानत याचिका लगाई। जिस पर न्यायालय ने तर्क दिया कि दोनों आरोपियों के विरुद्ध पुलिस धारा ४२०, ४६७, ४८६ व ४७१ के तहत भी विवेचना कर रही है। इस तरह प्रकरण में धारा ४६७ व ४६८ जुड़ने की वजह से पुलिस के पास चालान पेश करने के लिए ३० दिन का अतिरिक्त समय बाकी है। अतः जमानत याचिका निरस्त की जाती है।

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