जगदलपुर नगर निगम द्वारा ६१ लाख रुपए संपत्ति कर लगाने के खिलाफ छत्तीसगढ़ पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई है। इस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने नगर निगम को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
नगर निगम ने १५ दिसंबर २००९ को एक आदेश जारी कर छत्तीसगढ़ पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी को वर्ष २००२ से २०१० तक संपत्ति कर की अंतर राशि करीब ६१ लाख रुपए जमा करने कहा था। इसके खिलाफ छत्तीसगढ़ पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी ने अधिवक्ता यशवंत तिवारी के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका लगाई है। इसमें कहा गया है कि छत्तीसगढ़ शासन ने संशोधन एक्ट लाया है, जिसमें धारा १३५ के अंतर्गत विहित संपत्ति कर की अधिकतम सीमा को १० से बढ़ाकर २० प्रतिशत किया गया है। स्थानीय शासन के अंकेक्षण ने भी संपत्ति कर की अधिक वसूली पर आपत्ति जताई है। इसके बाद भी नगर निगम ने वर्ष २००२ से २०१० तक बढ़े दर से कर जमा करने का आदेश कंपनी को दिया है। इस मामले की सुनवाई सोमवार को जस्टिस एसके अग्निहोत्री की सिंगल बेंच में हुई। उन्होंने नगर निगम जगदलपुर एवं राज्य शासन को नोटिस जारी कर जवाब देने के निर्देश दिए हैं। यहां उल्लेखनीय है कि जनवरी में नई परिषद के अस्तित्व में आने से पहले ही नगर निगम प्रशासन ने संपत्ति कर की अंतर राशि ६१ लाख रूपए जमा करने का आदेश दिया था। नई परिषद ने अपने पहले बजट में नगरीय प्रशासन विभाग के पत्र के आधार पर समेकित कर बढ़ाने का निर्णय लिया था।