Jun 26, 2010

ईमेल हैक कर चुराए दस्तावेज

धोखाधड़ी का अपराध दर्ज, टेंडर के रेट की लिस्ट भी गायब

सरकारी अस्पतालों के लिए दवा सप्लाई करने वाली एक कंपनी का ईमेल अकाउंट हैक कर दवा की कीमतों संबंधी जानकारी चुराने पर छत्‍तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के सिविल लाइंस पुलिस ने गुरुवार को अज्ञात हैकर्स के खिलाफ धोखाधड़ी का अपराध दर्ज किया है।

टीआई सिविल लाइंस राजीव शर्मा ने बताया कि मौदहापारा के मेडिलाइन सर्जिकल्स फार्मास्यूटिकल्स डिस्ट्रीब्यूटर्स मेडिकल कांप्लेक्स ने 10 करोड़ रुपए की दवा सप्लाई के आर्डर के लिए अपना टेंडर डायरेक्टर मेडिकल एजूकेशन (डीएमई) दफ्तर भेजा था। प्रारंभिक जांच में पता चला कि भोपाल के हैकरों ने कंपनी के मेल आईडी से टेंडर संबंधी सारे दस्तावेज और टेंडर के रेट्स की लिस्ट गायब कर दी। इस सप्लाई के लिए राजधानी के अलावा देशभर की दवा कंपनियों ने टेंडर जमा किया था। प्रतिस्पर्धा में लाभ लेने के लिए किसी कंपनी ने हैकरों की मदद से प्रतिस्पर्धी कंपनी के सारे टेंडर डेटा पार कर दिए। 

कंपनी के डायरेक्टर अशोक भदौरिया की शिकायत पर सीआईडी, पुलिस मुख्यालय के साइबर क्राइम सेल और क्राइम ब्रांच ने जांच के बाद मामला सही पाया। बताया गया कि मेडिलाइन सर्जिकल्स फार्मास्यूटिकल्स डिस्ट्रीब्यूटर्स डीएमई से जारी हुए 10 करोड़ के दवा सप्लाई का टेंडर भरने की तैयारी में इसके सारे दस्तावेज तैयार करवाए थे। साथ ही रेट भी फिक्स कर लिया था। इन सभी जानकारियों वाले मेल और डाटा इनके टेंडर डॉट मेडिलाइन एट द रेट जीमेल डॉट कॉम में सुरक्षित थे। कंपनी की ओर से यह मेल 22 मई को शाम 5 बजे आखिरी बार देखा गया। अगले दिन 23 मई को जब यह मेल खोलने के लिए पासवर्ड डाला गया, तो यह खुला ही नहीं। किसी ने इसे हैक कर लिया था। 

चार दिन बाद 26 मई को वापस उसी पासवर्ड से यह ई-मेल अकाउंट आश्चर्यजनक ढंग से खुल गया। मेल बॉक्स देखकर अफसर हैरान रह गए। इसके सारे डाटा मिटा दिए गए थे। इसमें 250 मेल थे, जिनमें से सिर्फ 35 बचे थे। इन-बॉक्स से लेकर ट्रैश और सेंट मेल में भी सारी चीजें गायब मिलीं। चूंकि टेंडर जमा करने के लिए नियत तिथि गुजर गई थी, इसलिए कंपनी को हैक हो गई रेट लिस्ट डीएमई दफ्तर में आनलाइन जमा करने विवश होना पड़ा। पूरे मामले की प्रारंभिक जांच साइबर क्राइम सेल (पीएचक्यू) राकेश नखरे ने की और पाया कि जानकार हैकर की मदद से सारा खेल हुआ है। बहरहाल पुलिस ने धारा 420, 466, 2 आईटी एक्ट के तहत अपराध कायम कर जांच शरू की है।

साभार हरिभूमि रायपुर

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