बिलासपुर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस राजीव गुप्ता एवं जस्टिस सुनील सिन्हा की युगलपीठ ने एसईसीएल के खिलाफ कोयला उत्खनन के लिए ग्राम लाट में भूमि अधिग्रहण कर मुआवजा नहीं देने संबंधी दायर जनहित याचिका को खारिज कर दिया।
शासन ने अपने जवाब में याचिका को जनहित के बजाय स्वहित में दाखिल करना बताया है। एसईसीएल ने रायगढ़ जिले के ग्राम लाट में कोयला उत्खनन के लिए भूमि अधिग्रहित की है। यहां के हेतराम राठिया व रूपराम राठिया ने एसईसीएल के खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगाई थी। इसमें बताया गया था कि अधिग्रहण की गई का मुआवजा प्रभावितों को नहीं दिया गया है। अधिग्रहण के बाद शेष 161 हेक्टेयर भूमि का कोई उपयोग नहीं हो रहा है। इसके कारण से बची हुई भूमि को भी अधिग्रहित करने की मांग की गई। याचिका की प्रारंभिक सुनवाई में हाईकोर्ट ने राज्य शासन, एसईसीएल प्रबंधन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा। इस पर गुरूवार को चीफ जस्टिस श्री गुप्ता तथा जस्टिस श्री सिन्हा की युगलपीठ में सुनवाई हुई। इस दौरान उत्तरवादियों के अधिवक्ताओं ने कोर्ट को बताया कि अधिग्रहित भूमि के सभी प्रभावितों को उचित मुआवजा दे दिया गया है। याचिका जनहित के बजाय स्वहित से जुड़ी हुई है। उन्होंने तर्क प्रस्तुत करते हुए याचिका को खारिज करने की मांग की। इससे सहमत होते हुए युगलपीठ ने जनहित याचिका को खारिज कर दिया।