Jun 21, 2010

लंबित मामलों के बढ़ते आंकड़े और जवाब दावों में देरी

बिलासपुर हाईकोर्ट में लंबित मामलों के आंकड़े बढ़ाने में राज्य सरकार के आला अफसरों की कार्यशैली भी मददगार साबित हो रही है। समर वेकेशन के दौरान महाधिवक्ता कार्यालय में कार्यरत्‌ लॉ अफसरों की छुट्टी कैंसिल कर दी गई थी। अलबत्ता, विधि अधिकारी जवाब-दावा बनाने में मदद करने के लिए विभिन्न विभागों के ओआईसी से लगातार संपर्क करते रहे, लेकिन आधा दर्जन से अधिक विभागों के अफसरों ने हाईकोर्ट के कामकाज में रुचि ही नहीं दिखाई। लगातार संपर्क के बाद भी उन्हें महाधिवक्ता कार्यालय आने की फुर्सत ही नहीं मिली।

आंकड़े बताते हैं कि हाईकोर्ट में लंबित ६० हजार से अधिक मामलों में राज्य शासन के दो हजार से अधिक प्रकरण हैं। विभिन्न विभागों के नोडल अधिकारियों व ओआईसी की गैरजिम्मेदाराना हरकत से प्रकरणों की सुनवाई के दौरान लॉ अफसरों को अक्सर कोर्ट की फटकार सुननी पड़ती है। ऐसे मामले, जिसमें शासन प्रमुख पक्षकार की भूमिका में है, विधि अधिकारियों को जवाब के लिए मोहलत मांगते देखा जा सकता है। शायद ही कोई मामला हो, जिसमें तय समय-सीमा के भीतर शासन की ओर से जवाब दिया गया हो। लंबित प्रकरणों की बढ़ती संख्या और कोर्ट से मिली रही लगातार फटकार से परेशान महाधिवक्ता ने ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान लॉ अफसरों को मिलने वाली छुट्टी को कैंसिल करते हुए अवकाश के दिनों में एडवोकेट जनरल कार्यालय को खुला रखने का निर्णय लिया और पेंडिंग मामलों में जवाब-दावा तैयार करने का फरमान जारी किया था। इसके लिए विभागवार लॉ अफसरों की टीम भी बनाई गई थी। लंबित प्रकरणों के अलग-अलग बंडल भी बनाए गए थे।

पेंडिंग मामलों में जवाब दावा तैयार करने के लिए १४ जून तक का टारगेट दिया गया था। अवकाश के दिनों में लॉ अफसरों की मेहनत पर विभिन्न विभागों के ओआईसी ने पानी फेर दिया। जवाब-दावा तैयार करने में लॉ अफसरों की मदद के लिए महाधिवक्ता कार्यालय आने एडवोकेटजनरल द्वारा जारी किया गया फरमान भी बेअसर रहा। जानकारी के अनुसार विभागवार दिए गए निर्देश के बाद भी विभागीय अधिकारियों द्वारा न्यायालयीन प्रकरणों की गंभीरता को दरकिनार किए जाने पर एडवोकेट जनरल कार्यालय में तैनात लॉ अफसरों में भारी नाराजगी है। पिछले दिनों महाधिवक्ता देवराज सिंह सुराना ने समर वेकेशन के दौरान किए गए कामकाज की समीक्षा के लिए लॉ अफसरों की बैठक ली। इसमें कुछ विधि अधिकारियों ने नोडल अफसर तथा ओआईसी द्वारा सहयोग नहीं किए जाने की शिकायत कर नाराजगी जाहिर की।

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