Apr 21, 2010

फिरौती की रकम लेने के बाद भी दिया घटना को अंजाम

एसईसीएल के इंजीनियर का अपहरण कर हत्या व फिरौती की रकम लेने के बाद पुत्र को भी मौत के घाट उतारने वाले आरोपी की जमानत अर्जी को बिलासपुर हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया।

गाजीपुर उत्तरप्रदेश निवासी जगदीश प्रसाद मिश्रा एसईसीएल कोरबा में इंजीनियर थे। फरवरी २००९ में वे अचानक लापता हो गए। इसके कुछ दिन बाद उसके पुत्र राहुल शर्मा के पास अपहरण करने वाले का फोन आया। इस दौरान उसने फिरौती में ४० लाख रुपए की मांग की। राहुल ने कोरबा पुलिस में पिता के अपहरण होने व फिरौती में चालीस लाख रुपए मांगने की रिपोर्ट लिखाई। इस पर पुलिस ने अपहृत को मुक्त कराने यूपी व पश्चिम बंगाल के कई शहरों में छापा मारा। इसके बाद भी पुलिस को कोई सफलता नहीं मिली। कई दिनों के प्रयास के बाद राहुल अपहरणकर्ता को चालीस लाख रुपए देने के लिए पश्चिम बंगाल गया। वहां अपहरण करने वालों ने रुपए लेकर उसकी हत्या कर दी। 

युवक की हत्या के आरोप में पश्चिम बंगाल पुलिस ने गाजीपुर निवासी कृष्ण प्रसाद सिंह उर्फ हरेकृष्ण सहित ५ आरोपियों को गिरफ्तार किया। इसी बीच गाजीपुर में एक व्यक्ति की लाश मिली। उसकी पहचान अपहृत एसईसीएल कोरबा के इंजीनियर जगदीश प्रसाद मिश्रा के रूप में हुई। पुत्र के हत्यारों को पकड़ने के बाद कोरबा पुलिस अपहरण कर हत्या करने वाले एक और आरोपी गाजीपुर निवासी विजय बहादुर को गिरफ्तार किया। आरोपियों को अपहृत पिता व उसका पुत्र दोनों पहचानते थे। पकड़े जाने के भय से आरोपियों ने दोनों की हत्या कर दी थी। कोरबा जेल में बंद आरोपी कृष्ण प्रसाद सिंह सहित सभी ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में जमानत के लिए आवेदन लगाए। इस पर जस्टिस धीरेंद्र मिश्रा के न्यायालय में सुनवाई हुई। शासन की ओर से शासकीय अधिवक्ता बीके ग्वालरे ने जमानत दिए जाने का विरोध किया। अपराध की गंभीरता को देखते हुए जस्टिस श्री मिश्रा ने अर्जी को खारिज कर दिया।

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