छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के नवपदस्थ जस्टिस आईएम कुद्दुशी जिस वाहन में चलते हैं, उसका योग छत्तीसगढ़ से मिलता है। उन्होंने कहा कि जब वे छत्तीसगढ़ आए तो उन्हें जो कार मिली उसका नंबर ९९९९ है। चार ९ का योग ३६ होता है। यह संयोग है कि यहां ३६ गढ़ के योग का वाहन मिला।
शुक्रवार की रात ८.३० बजे जस्टिस ग्रंथालय में आयोजित इस समारोह में वकीलों ने उनका पुष्पाहार से आत्मीय स्वागत किया। इस अवसर पर जस्टिस कुद्दुशी ने कहा कि बार व बैंच के बीच समन्वय जरूरी है। इस तरह के आयोजन से आपस में स्नेह बढ़ता है और दूरी कम होती है। छत्तीसगढ़ की जनता को बार व बैंच के बीच के संबंधों को बताया जाएगा। जस्टिस मनींद्र मोहन श्रीवास्तव ने कहा कि सम्मान पाना सभी को अच्छा लगता है, किन्तु अपनों के हाथ सम्मानित होने पर दिल खुश हो जाता है।
अधिवक्ता के रूप में २० वर्षों तक किए गए कार्यों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि वे इसे कभी नहीं भुला पाएंगे। उन्होंने न्यायदान में बार से मिल रहे सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। जस्टिस प्रशांत मिश्रा ने कहा कि सम्मान समारोह अपने लोगों के बीच आने का एक बहाना है। अपनों के बीच आने से खुशी मिलती है। इसके बाद संघ ने तीनों जजों को शाल श्रीफल भेंटकर सम्मानित किया।
इस अवसर पर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस राजीव गुप्ता सहित सभी जस्टिस सपत्नीक उपस्थित थे। इनके अलावा आरजी अरविंद्र श्रीवास्तव, महाधिवक्ता, संघ के अध्यक्ष विवेक रंजन तिवारी, जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष बाबा सिंह, सचिव अनुराग वाजपेयी सहित अधिवक्ता उपस्थित थे।
अधिवक्ता के रूप में २० वर्षों तक किए गए कार्यों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि वे इसे कभी नहीं भुला पाएंगे। उन्होंने न्यायदान में बार से मिल रहे सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। जस्टिस प्रशांत मिश्रा ने कहा कि सम्मान समारोह अपने लोगों के बीच आने का एक बहाना है। अपनों के बीच आने से खुशी मिलती है। इसके बाद संघ ने तीनों जजों को शाल श्रीफल भेंटकर सम्मानित किया।
इस अवसर पर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस राजीव गुप्ता सहित सभी जस्टिस सपत्नीक उपस्थित थे। इनके अलावा आरजी अरविंद्र श्रीवास्तव, महाधिवक्ता, संघ के अध्यक्ष विवेक रंजन तिवारी, जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष बाबा सिंह, सचिव अनुराग वाजपेयी सहित अधिवक्ता उपस्थित थे।