Apr 17, 2010

वकीलों ने कहा, सुबह लगे न्यायालय : मुख्य न्यायाधिपति के नाम सौंपा ज्ञापन

जिला न्यायालय दुर्ग के अधिवक्ताओं ने भीषण गर्मी को देखते हुए सुबह के समय न्यायालय लगाने का आग्रह किया है। शुक्रवार को बड़ी संख्या में वकीलों ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश से भेंट कर उन्हें उच्च न्यायालय बिलासपुर के मुख्य न्यायाधिपति के नाम पर इस आशय का ज्ञापन सौंपा।

राज्य अधिवक्ता परिषद के सदस्य अधिवक्ता संतोष वर्मा, बी.पी. सिंह, पार्षद नीता जैन सहित करीब चार दर्जन अधिवक्ताओं ने शुक्रवार दोपहर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अशोक पंडा से उनके कक्ष में मुलाकात की। अधिवक्ताओं ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश को बताया कि वर्तमान में न्यायालय कार्यालयीन समय १०.३० से ५.३० तक है। पिछले साल की तुलना में इस साल अधिक गर्मी पड़ रही है। गर्मी के कारण पक्षकारों एवं अधिवक्ताओं को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। भीषण गर्मी की वजह से न्यायालयीन कार्य करने में असुविधा हो रही है। अधिवक्ताओं ने गर्मी के कारण स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ने की संभावना जताते हुए ग्रीष्मकाल तक न्यायालयीन समय में परिवर्तन कर सुबह न्यायालय लगाए जाने का आग्रह किया।

अधिवक्ताओं के प्रतिनिधि मंडल ने मुख्य न्यायाधिपति के नाम पर इस आशय का ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन देने वालों में अधिवक्ता पं. अजय मिश्रा, पवन उपाध्याय, रविशंकर सिंह, मो. चिरागुद्दीन, ललित आडिल, सुदर्शन महिलवार, ललित जोशी, अभिषेक वैष्णव, ऋषिकांत तिवारी, आर.एस. यादव, रमेश शर्मा, अरशद खान, संतोष शर्मा सहित अन्य लोग शामिल थे।

उच्‍च न्‍यायालय परिसर बिलासपुर से प्राप्‍त जानकारी के अनुसार वहां भी सर्वसम्मति से चर्चा के बाद कोर्ट का समय सुबह 7.30 से दोपहर 12.30 उपयुक्त माना जा रहा है। बैठक में उपस्थित सदस्यों ने कहा कि सुबह हाईकोर्ट लगने से वकीलों और पक्षकारों को कोर्ट आने के दौरान गर्मी से कुछ तो राहत मिलेगी। दोपहर 12 से शाम चार बजे तक तापमान चरम पर होता है, जबकि सुबह सूरज की किरणों में इतनी तेजी नहीं होती। गर्मी का समय शुरू होते तक वकील, पक्षकार और हाईकोर्ट के अधिकारी, कर्मचारी वापस हो जाएंगे। बैठक में कौंसिल के अध्यक्ष विवेकरंजन तिवारी, कोषाध्यक्ष वाइसी शर्मा, सदस्य शैलेंद्र दुबे, अवध त्रिपाठी, टीआर निराला, देवेश दीक्षित, यशवंत तिवारी, अब्दुल वहाब खान, अरुण कोचर, पंकज श्रीवास्तव आदि उपस्थित थे।

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