Apr 17, 2010

देवभोग सीईओ हाईकोर्ट तलब

सेवानिवृत्ति के बाद देयकों का भुगतान नहीं करने के प्रकरण में सीईओ देवभोग द्वारा जवाब नहीं देने को बिलासपुर हाईकोर्ट ने गंभीरता से लिया है। कोर्ट ने अधिकारी को गिरफ्तारी वारंट जारी करने की चेतावनी देते हुए उपस्थित होने का आदेश दिया गया है। गिरफ्तारी वारंट जारी करने की जिम्मेदारी एसपी रायपुर को सौंपी गई थी। 
देवभाग निवासी सीपी मिश्रा के पिता केके मिश्रा जनपद पंचायत देवभोग में उच्च श्रेणी लिपिक के पद से वर्ष १९८३ में सेवानिवृत्त हुए। उन्हें देयकों का भुगतान नहीं किया। पत्राचार के बाद भी देयक नहीं मिला। इसी बीच उनका निधन हो गया। पिता की बकाया राशि को प्राप्त करने पुत्र सीपी मिश्रा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। इस पर जस्टिस मनीन्द्र श्रीवास्तव की अदालत में सुनवाई हुई थी। न्यायालय ने देवभोग सीईओ को तीन मार्च को शपथपत्र के साथ जवाब प्रस्तुत करने का आदेश दिया था, लेकिन सीईओ ने जवाब प्रस्तुत नहीं किया। इसके बाद कोर्ट ने सीईओ को २९ मार्च को व्यक्तिगत उपस्थित होकर जवाब देने का आदेश दिया। इस दिन भी उपस्थित नहीं होने पर सुनवाई की तारीख१५ अप्रैल तय की गई थी। सूत्रों का कहना है कि इस दिन सीईओ नें अपने अधिवक्‍ता के माध्‍यम से स्‍वयं उपस्थित होकर जवाब प्रस्‍तुत किया है। मामला अगली सुनवाई के लिए बढा दी गई है।
सीईओ की लगातार अनुपस्थिति को हाईकोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए नारजगी व्यक्त की। जस्टिस श्री श्रीवास्तव ने इस संबंध में अधिकारी के खिलाफ अवमानना दायर करने तथा गिरफ्तारी वारंट जारी करने की चेतवानी दी थी। ज्ञात हो कि देवभोग छत्‍तीसगढ में हीरा खदानों एवं भारी मात्रा में अवैध उत्‍खनन के द्वारा हीरा तस्‍करी के लिए चर्चित है  जहां अमीर धरती पर बेहद गरीब लोग रहते हैं। 

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