Apr 7, 2010

एचपी और इंडियन ऑयल को नोटिस

गैस एजेंसी संचालक की याचिका पर सुनवाई करते हुए बिलासपुर हाईकोर्ट ने केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय सहित एचपी व इंडियन ऑयल को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

मामला १० साल पुराना है। २ जुलाई १९९२ को केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर अनुसूचित जाति,जनजाति वर्ग के अलावा ओबीसी वर्ग के लोगों को घरेलू गैस एजेंसी देने का निर्णय लिया था। मूलभूत ढांचा निर्माण की जिम्मेदारी एचपी व इंडियन ऑयल को दी गई थी। इसी के मद्देनजर इंडियन ऑयल ने साईं गैस तथा एचपी ने लाफागढ़ को एजेंसी बनाया था। एचपी ने लाफागढ़ को ५ लाख ३० हजार ३६५ रूपए व इंडियन ऑयल ने साईं गैस को १० लाख २४ हजार ८०१ रूपए का फंड जारी किया था। इसी बीच केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय ने अपनी पॉलिसी बदल दी। इसकी सूचना एचपी व इंडियन ऑयल को भी दी गई। पेट्रोलियम मंत्रालय द्वारा पॉलिसी बदलने के साथ ही एचपी ने अपने द्वारा तय किए गए एजेंसी लाफागढ़ पर प्रति सिलेंडर एक रूपए का ब्याज लगाकर ४३ लाख ९३ हजार २५७ रूपए का रिकवरी आदेश जारी कर दिया। याचिकाकर्ता एजेंसी संचालक ने बताया कि एचपी गैस ने १ अप्रैल २००६ तक रिकवरी की राशि वसूल ली है। याचिका के अनुसार इसके बाद भी वसूली की कार्रवाई कंपनी द्वारा की जा रही है। सोमवार को इस मामले की सुनवाई जस्टिस सुनील सिन्हा की सिंगल बेंच में हुई। जस्टिस श्री सिन्हा ने केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय के अलावा एचपी व इंडियन ऑयल कंपनी को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं।

My Blog List