बिलासपुर हाईकोर्ट ने गर्भवती पुत्री की हत्या करने वाले की सजा बरकरार रखी है। रायपुर जिले के ग्राम लोहर्सी निवासी सुखनंदन लाल पटेल की पुत्री की शादी ग्राम सुंदरकरवा में हुई थी। शादी के बाद ससुराल वालों को पता चला कि लड़की शादी के पहले से गर्भवती है। उन्होंने उसे रखने से इनकार कर दिया, जिस पर लड़की मायके लौट आई। गांव में पंचायत हुई तो पता चला कि वहां के युवक कुलेश्वर से युवती के प्रेम संबंध थे और इसी वजह से वह गर्भवती हुई। युवक ने भी इसे स्वीकार कर युवती से विवाह कर लिया। इस घटना से युवती का पिता बेहद नाराज था।
6 दिसंबर 2002 को युवती अपनी जेठानी के साथ सब्जी बाड़ी जा रही थी तभी घात लगाकर बैठे पिता सुखनंदन ने उस पर टंगिया से हमला कर दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। सत्र न्यायालय ने दोषसिद्ध होने पर आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसके खिलाफ सुखनंदन ने हाईकोर्ट में अपील की। सरकारी वकील आशीष शुक्ला ने मामले की गंभीरता के आधार पर इसका विरोध किया। सुनवाई के बाद जस्टिस टीपी शर्मा, आरएल झंवर की डिवीजन बेंच ने अपील खारिज कर दी।
रायपुर जिले के राजीम थाना क्षेत्र के ग्राम लोहर्सी निवासी सुखनंदन पटेल ने अपनी गर्भवती बेटी की कुल्हाड़ी मार कर हत्या कर दी थी। इसका कारण पुत्री का किसी लड़के से अवैध संबंध था। सुखनंदन ने अपनी बेटी की शादी ग्राम सुंदर कर्रा में तय की थी। इस बीच उसकी शादी भी हो गई, लेकिन उसके ससुरालवालों को विवाह के बाद पता चला कि वह पहले से गर्भवती है। लिहाजा उन्होंने उसे रखने से इनकार कर दिया। इसके बाद युवती अपने मायके आकर रहने लगी। यहां गांव में पंचायत बैठी। पंचायत में गांव के युवक कुलेश्वर ने स्वीकार किया कि युवती के साथ उसका संबंध था। पंचायत ने दोनों को विवाह कर साथ रहने का सुझाव दिया। इस पर युवक-युवती दोनों मान गए, लेकिन सुखनंदन अपनी बेटी की हरकतों से काफी नाराज था और मौके की तलाश में था। घटना के दिन युवती अपनी जेठानी के साथ खेत जा रही थी कि अचानक उसके पिता ने टांगी से वार कर दिया। इससे उसकी मौत हो गई। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद न्यायालय में चालान पेश किया गया।