Apr 18, 2010

समर वेकेशन में होगी नए हाईकोर्ट में शिफ्टिंग

बिलासपुर के बोदरी स्थित नए हाईकोर्ट भवन में गर्मियों की छुट्टियों में शिफ्टिंग की जाएगी। इस दौरान यहां से फाइल, फर्नीचर सहित आवश्यक सामान नए भवन में ले जाया जाएगा। 12 जून को नए भवन का लोकार्पण होने की संभावना है। बोदरी में नए हाईकोर्ट भवन का काम अंतिम चरण में है। हाईकोर्ट में 15 मई से 15 जून तक गर्मी की छुट्टी है। इस दौरान ही फाइल और जरूरी सामान यहां भेजे जाएंगे। कोशिश की जाएगी कि एक महीने के अंदर सामान यहां पहुंच जाए। हाईकोर्ट भवन के लोकार्पण के बाद यहां विधिवत कामकाज शुरू हो जाएगा। शिफ्टिंग के लिए हाईकोर्ट प्रशासन ने जिला प्रशासन को भी अलर्ट कर दिया है। इसके लिए रूपरेखा तय की जा रही है। एक महीने की छुट्टी के दौरान हाईकोर्ट में कामकाज बंद रहेगा। बीच-बीच में वेकेशन जज बैठेंगे लेकिन इससे शिफ्टिंग के काम में बाधा नहीं आएगी।

हाईकोर्ट प्रशासन की कोशिश होगी कि किसी भी तरह छुट्टियों के दौरान ही शिफ्टिंग पूरी कर ली जाए ताकि नए सत्र से हाईकोर्ट का कामकाज नए भवन में शुरू हो जाए। शिफ्टिंग पूरी होने के बाद छुट्टी के दौरान ही 12 जून को इसका लोकार्पण कराने की भी जानकारी दी जा रही है। इसके लिए कार्यक्रम बनाया जा रहा है। अगर हाईकोर्ट प्रशासन को लगता है कि शिफ्टिंग तय कार्यक्रम के अनुसार हो जाएगी तो 12 जून को ही लोकार्पण तय है, अन्यथा तारीख में परिवर्तन भी किया जा सकता है। हाईकोर्ट के अधिकारी शिफ्टिंग की बात स्वीकार रहे हैं लेकिन लोकार्पण की तारीख कनफर्म न होने की जानकारी भी उनके द्वारा दी जा रही है।

नए हाईकोर्ट भवन के लोकार्पण के लिए यहां चीफ जस्टिस आफ इंडिया, केंद्रीय विधि मंत्री सहित सुप्रीम कोर्ट के और प्रमुख जजों को लाने की तैयारी की जा रही है। तारीख तय करने के बाद उनसे सहमति ली जाएगी। विधि मंत्री वीरप्पा मोइली पिछले दिनों हाईकोर्ट में आयोजित कार्यक्रम में नहीं आ पाए थे लेकिन बार कौंसिल के प्रतिनिधिमंडल को उन्होंने आश्वस्त किया था कि अगर छत्तीसगढ़ में कोई कार्यक्रम होता है तो वे इस बार उसमें शामिल होंगे।

हाईकोर्ट के बोदरी में शिफ्ट होने के बाद पुराने भवन में इनकम टैक्स, कैट, सेट आर्म्स फोर्स ट्रिब्युनल, डेथ रिकव्हरी सहित अन्य न्यायालय खोलने की मांग की गई है। इस संबंध में स्टेट बार कौंसिल के पदाधिकारियों ने केंद्रीय विधि मंत्री भेंटकर उन्हें ज्ञापन सौंपा है।

छत्तीसगढ़ राज्य गठन के साथ यहां हाईकोर्ट की स्थापना हुई। हाईकोर्ट स्थापित होने के १० वर्ष बाद भी यहां केन्द्रीय कर्मचारियों के विवादों के निराकरण के लिए कैट, इनकम टैक्स विवाद, डेथ रिकव्हरी, आर्म्स फोर्स, रेलवे संबंधित विवाद, पूर्ण सीबीआई कोर्ट नहीं खुल सका है। इससे संबंधित प्रकरणों की सुनवाई जबलपुर, दिल्ली, चेन्नई आदि स्थानों में हो रही है। वहीं प्रदेश के अन्य राज्यों में कर्मचारियों से संबंधित विवाद के निराकरण के लिए ट्रिब्युनल न्यायालय है। यहां के अधिवक्ता हाईकोर्ट स्थापना के साथ ट्रिब्युनल खोलने की मांग कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के लिए बिलासपुर-रायपुर मार्ग के बोदरी में लगभग ६१ एकड़ में करोड़ों की लागत से नए हाईकोर्ट भवन का निर्माण किया गया है। यहां न्यायमूर्तियों के लिए १५ कक्ष बनाए गए हैं। ३३४३ वर्गमीटर क्षेत्र में महाधिवक्ता कार्यालय, १०० से अधिक वकीलों के बैठने के लिए अधिवक्ता चेंबर तथा हाईकोर्ट के कर्मचारियों के बैठने के लिए कार्यालय का निर्माण पूरा कर एजेंसी इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स इंडिया मुंबई ने पीडब्ल्यूडी को हैंडओवर कर दिया। वहीं पीडब्ल्यूडी ने हाईकोर्ट को नए भवन को हैंडओवर किया है। इसके साथ ही ग्रीष्म अवकाश के दौरान इसके शिफ्टिंग की तैयारी की जा रही है। ग्रीष्म अवकाश के बाद पुराना हाईकोर्ट भवन खाली हो जाएगा। नियम के अनुसार पुराना भवन भी हाईकोर्ट के अंडर में रहेगा। स्टेट बार कौंसिल के चेयरमैन विवक रंजन तिवारी एवं अन्य पदाधिकारियों ने गत दिनों दिल्ली में विधि मंत्री से भेंटकर पुराने भवन में विभिन्न ट्रिब्युनल न्यायालय खोलने की मांग की है। उन्होंने कहा कि पुराने भवन में ट्रिब्युनल खोलने पर अधोसंरचना विकास पर एक रुपए भी खर्च नहीं आएगा। कोर्ट रूम, कार्यालय सहित अन्य आवश्यक संसाधन यहां उपलब्ध हैं। इस मांग पर विधि मंत्री ने विचार करने का आश्वासन दिया है। इसके अलावा राज्य शासन को भी पत्र लिखने का निर्णय लिया गया है।

"हाईकोर्ट के नए भवन में शिफ्ट होने के बाद भी पुराना भवन हाईकोर्ट के पास रहेगा। यहां कौन सा न्यायालय खुलेगा, अभी तय नहीं हुआ है।" अरविंद श्रीवास्तव, आरजी छत्तीसगढ़ हाईकोर्टबिलासपुर

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