Apr 8, 2010

मोबाइल टावर के नियमितीकरण प्रकरण पर रिलायंस मोबाइल को राहत

बिलासपुर नगर निगम ने भी यहां के करीब ५० ऐसे मकान मालिक, जिनके द्वारा अपने घर की छतों में मोबाइल टावर लगाने के लिए निगम से विधिवत अनुमति नहीं ली गई है, उन्हें नोटिस दिया गया है। बीएसएनएल सहित विभिन्न निजी मोबाइल कंपिनयों को भी नोटिस थमाया गया है। इसमें ५० गुना तक जुर्माना वसूलने की चेतावनी दी गई है। बिलासपुर नगर निगम द्वारा लिए जा रहे भारी-भरकम जुर्माने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने रिलायंस मोबाइल कंपनी को राहत दी है। निगम द्वारा सील किए गए सभी २१ टावरों को मुक्त करने का फरमान जारी किया गया है।

नगर निगम रायपुर ने शहर की प्रमुख जगहों पर रिलायंस इंडिया मोबाइल द्वारा लगाए गए २१ टावरों को नियमितीकरण करने के तहत जुर्माना वसूलने नोटिस जारी किया था। इसके बाद भी जुर्माने की राशि नहीं पटाने पर निगम ने कार्रवाई करते हुए फौरीतौर पर सभी २१ टावरों को सील कर दी थी। इसके साथ ही बिजली आपूर्ति व्यवस्था ठप करने के लिए सीएसईबी को पत्र लिखा गया था। निगम के पत्र के बाद सीएसईबी ने अलग-अलग जगहों पर लगाए गए सभी २१ मोबाइल टावरों की बिजली काट दी।

इससे मोबाइल टावरों से नेटवर्क भी गायब हो गया। आपूर्ति ठप होने के कारण कवरेज की समस्या भी आने लगी। निगम की एकतरफा कार्रवाई तथा ५० गुना से भी ज्यादा जुर्माना वसूलने निगम द्वारा दिए गए नोटिस को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। इसमें निगम द्वारा टावर लगाने के एवज में लिए जाने वाले यूजर चार्जेस का भी हवाला दिया गया था। इसमें कहा गया था कि निगम ने पहले प्रति मोबाइल टावर २५ हजार रूपए सेवा शुल्क जमा करने के निर्देश दिए। कुछ दिनों बाद ही ५० हजार रूपए जमा करने दूसरा नोटिस थमा दिया गया। कंपनी द्वारा जब सेवा शुल्क जमा करने प्रक्रिया पूरी की जा रही थी, उसी दौरान शुल्क में बढ़ोतरी करते हुए ७५ हजार रूपए जमा करने कहा गया।

तीन तरह के फीस निर्धारण के बाद निगम ने अचानक २ लाख ५० हजार रूपए जमा करने का फरमान जारी कर दिया। व्यावसायिक कारणों के चलते उक्त राशि भी जमा कर दी गई। इसके बाद भी निगम ने अचानक २१ टावरों को सील करते हुए सीएसईबी को पत्र लिखकर पावर सप्लाई बंद करा दी। मंगलवार को इस मामले की सुनवाई हाईकोर्ट की सिंगल बेंच में हुई। प्रकरण की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने निगम के आदेश को खारिज करते हुए सील किए गए सभी २१ टावरों को मुक्त करने निगम को फरमान जारी किया। इसके साथ ही कोर्ट ने शासन, नगर निगम रायपुर व सीएसईबी को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं।

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