Apr 17, 2010

बच्चों के झगड़े में तीन लोगों की हत्या करने वाले पांच आरोपियों की उम्रकैद की सजा बरकरार

छत्‍तीसगढ़ के महासमुंद के भीमकोश निवासी कोंदीबाई उर्फ उन्नरी पति दादू तेलुगु, फूल सिंह पिता रायफा तेलुगु, दिनेश पिता बरातू, पुनीत पिता रामचंद्र, अर्जुन पिता रामजी तेलुगु एवं नाबालिग धोलू , पिंटू व छोटा आलू ने बच्चों के झगड़े की बात को लेकर २६ मार्च २००३ की रात करीब दो बजे एकराय होकर वहीं रहने वाले रवि, शुकालू एवं रंजीत पर कुल्हाड़ी, तलवार, लाठी सहित अन्य घातक हथियार से हमला कर दिया। इससे सभी लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। वारदात की सुबह २७ मार्च को शुकालू की पत्नी शांति बाई ने महासमुंद थाने में मामले की रिपोर्ट लिखाई। पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर घायलों को अस्पताल भेजा, जहां उपचार के दौरान तीनों की मौत हो गई। मामले में पुलिस ने धारा १४७, १४८, १४९, ३०७, ३२६ एवं ३०२ के तहत जुर्म दर्ज कर महासमुंद न्यायालय में आरोपियों को पेश किया। प्रकरण में न्यायालय ने २१ गवाहों का परीक्षण किया। दोनों पक्षों को सुनने के बाद नाबालिग आरोपी धोलू, पिंटू व छोटा आलू को छोड़ दिया गया। वहीं, मुख्य आरोपी कोंदी बाई उर्फ उन्नरी, फूल सिंह, दिनेश, पुनीत तथा अर्जुन तेलुगु को २१ दिसंबर २००५ को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। बच्चों के झगड़े में तीन लोगों की हत्या करने वाले पांच आरोपियों की उम्रकैद की सजा बिलासपुर हाईकोर्ट ने बरकरार रखी है।

अभियुक्तों ने जिला न्यायालय से मिली सजा को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की। इस पर जस्टिस टीपी शर्मा एवं जस्टिस आरएल झंवर की युगलपीठ में सुनवाई हुई। शासन की ओर से अधिवक्ता अशीष शुक्ला ने पैरवी की। दोनों पक्षों को सुनने के बाद युगलपीठ ने जिला एवं सत्र न्यायालय के आदेश को यथावत रखा है।

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