Apr 10, 2010

नाना ने नातिन को बेचा, खरीददार ने किया एक साल तक दैहिक शोषण : जमानत खारिज

बिलासपुर घुमाने-फिराने के बहाने नातिन को वृंदावन ले जाकर बेचने वाले नाना की जमानत याचिका छत्‍तीसगढ हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। नाबालिग युवती को खरीदने और लगातार एक वर्ष तक दैहिक शोषण करने वाले युवक को भी सलाखों के पीछे भेज दिया गया है।

मामला अंबिकापुर का है। यहां के नरेश मंडल की १५ वर्षीय नाबालिग पुत्री को उसके नाना घुमाने के बहाने वृंदावन ले गया। वहां पर सुजल उर्फ पप्पू को उसे ३५ हजार रूपए में बेच दिया। नाबालिग युवती को खरीदने के बाद पप्पू लगातार उसके साथ एक वर्ष तक दैहिक शोषण करता रहा। अप्रैल २००९ में युवती किसी तरह युवक के चंगुल से भागकर छिपते-छिपाते अपने घर अंबिकापुर पहुंच गई। अपने साथ घटित घटना की जानकारी उसने मां व पिता को दी। नाबालिग की आपबीती सुनने के बाद पिता उसे थाने ले गया, जहां नाबालिग ने घटना की शिकायत की। इसी बीच पप्पू अपने जीजा अशोक कुमार के साथ किशोरी की खोजबीन करते अंबिकापुर पहुंच गया। उसे सड़क पर अकेली पाकर उसके अपहरण की कोशिश भी की गई। टैक्सी ड्राइवर व पुलिस की सक्रियता से वह कामयाब नहीं हो पाया। अपहरण करने के आरोप में पुलिस ने पप्पू व अशोक कुमार के खिलाफ जुर्म दर्ज करते हुए न्यायालय में पेश किया, जहां से दोनों को जेल भेज दिया गया था। इसी बीच किशोरी की रिपोर्ट पर पुलिस ने उसके नाना के खिलाफ जुर्म दर्ज कर निचली अदालत में चालान पेश किया था, जहां से इस घटना से जुड़े तीनों आरोपियों को जेल भेज दिया गया था। तीनों आरोपियों ने अपने वकीलों के जरिए जमानत के लिए हाईकोर्ट में अलग-अलग याचिका दायर की थी। इस मामले की सुनवाई जस्टिस धीरेंद्र मिश्रा की सिंगल बेंच में हुई। प्रकरण की सुनवाई के बाद तीनों आरोपियों की जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया।

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