17 मई से 11 जून तक बिलासपुर हाईकोर्ट में ग्रीष्मकालीन अवकाश की छुट्टी रहेगी। इस दौरान हाईकोर्ट की नियमित बेंच नहीं लगेंगी। रजिस्ट्री खुली रहेगी, जहां नई याचिकाएं दायर की जा सकेंगी। समर वेकेशन के दौरान प्रकरणों की सुनवाई के लिए वेकेशन कोर्ट की स्थापना की जाएगी।
हाईकोर्ट में समर वेकेशन प्रारंभ होने से पहले 14 मई को आखिरी वर्किंग डे रहेगा। शनिवार और रविवार साप्ताहिक अवकाश रहेगा। 17 मई से ग्रीष्मकालीन अवकाश प्रारंभ होगा, जो 11 जून तक चलेगा। 11 जून को शुक्रवार है। इसके बाद शनिवार और रविवार की छुट्टी रहेगी। लिहाजा 14 जून से हाईकोर्ट में कामकाज शुरू होगा। 26 दिनों तक अवकाश के दौरान रेगुलर कोर्ट नहीं लगेगा। इस दौरान अर्जेंट मामलों की सुनवाई के लिए प्रति सप्ताह वेकेशन कोर्ट की स्थापना की जाएगी। इसमें प्रकरणों की सुनवाई के लिए वेकेशन जज बैठेंगे। अवकाश के दौरान रजिस्ट्री खुली रहेगी। यहां शनिवार व रविवार छुट्टी के दिन को छोड़कर प्रतिदिन नई याचिकाएं स्वीकार की जाएंगी। महाधिवक्ता कार्यालय में भी समर वेकेशन के दौरान विधि अधिकारी अपना पेंडिंग काम निपटाएंगे। यहां यह बताना लाजिमी है कि हाईकोर्ट में 10 हजार से ज्यादा ऐसे मामले हैं, जिसमें शासन की ओर से हाईकोर्ट में जवाब-दावा पेश नहीं किया गया है। इसके लिए विधि अधिकारियों द्वारा लगातार मोहलत मांगने पर हाईकोर्ट ने नाराजगी भी जाहिर की थी।
लंबित प्रकरणों की बढ़ती संख्या को देखते हुए तत्कालीन एडवोकेट जनरल ने नोडल अफसरों से लेकर ओआईसी को तलब किया था। नोडल अधिकारियों ने विधि अधिकारियों की शिकायत करते हुए कहा था कि जवाब-दावा बनाने में सहयोग करने एजी ऑफिस आने के बाद भी लॉ अफसर सहयोग नहीं करते। महाधिवक्ता ने तब नोडल अधिकारियों तथा लॉ अफसरों को समन्वय बनाकर काम करने की हिदायत दी थी। ऐसा माना जा रहा है कि समर वेकेशन के दौरान लॉ अफसरों की छुट्टी कैंसिल रहेगी। इस दौरान ये लंबित प्रकरणों की फाइलों का निपटारा करने के अलावा जवाब-दावा बनाएंगे। एक लॉ अफसर ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि समर वेकेशन के दौरान नोडल अधिकारियों को लंबित प्रकरणों की फाइलों के साथ तलब किया जाएगा।