विगत दिनों बिलासपुर हाईकोर्ट ने एक फैसले में कहा है कि गोद लिए हुए पुत्र को उसके पिता की जगह नौकरी पाने का अधिकार है। जस्टिस एसके अग्निहोत्री की सिंगल बेंच ने एसईसीएल से कहा है कि याचिकाकर्ता को नौकरी देने पर विचार किया जाए। कोरिया जिले का चिरमिरी निवासी सोमनाथ सिंह की एसईसीएल में कार्यरत रहने के दौरान मौत हो गई थी। उसके गोद लिए हुए पुत्र रविंद्र सिंह ने नौकरी के लिए आवेदन किया लेकिन विभाग ने सगा बेटा न होने के आधार पर उसे नौकरी नहीं दी। इसके खिलाफ उसने वकील अशोक कुमार शुक्ला के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि नेशनल कोल वेजेस एग्रीमेंट के तहत दत्तक पुत्र को नौकरी पाने का अधिकार है। सुनवाई के बाद कोर्ट ने तर्को से सहमत होकर याचिकाकर्ता को उपयुक्त पद पर नौकरी देने के लिए विचार करने को कहा है।
MEITY to release draft DPDP rules for public consultation after Budget
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As reported by CNBC, MeitY is set to release draft rules for the Data
Protection and Privacy (DPDP) Act for public consultation immediately
following the B...
3 months ago