Mar 21, 2010

जजों को अपनी संपत्ति घोषित करनी चाहिए - जस्टिस के.जी. बालकृष्णन

सुप्रीमकोर्ट के चीफ जस्टिस के.जी. बालकृष्णन ने आज यहां पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि न्यायिक सुधार को लेकर सरकार गंभीर है और इसके लिए 5 हजार करोड़ रूपए खर्च कर रही है। जिसके तहत फास्ट ट्रेक कोर्ट की स्थापना 4 हजार गांव में ग्राम न्यायालय खोलना शामिल है। उन्होंने जजों के संपत्ति विवरण की घोषणा पर कहा कि सुप्रीमकोर्ट ने तो जजों की संपत्ति की घोषणा कर दी है अब राज्यों के हाईकोर्ट के जजों को भी अपने संपत्ति की घोषणा करनी चाहिए।

छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के परिसर में चर्चा करते हुए न्यायाधिपति ने कहा कि देश में फास्ट टे्रक कोर्ट की स्थापना का काम शुरू हो गया है इससे लोगों को जल्दी और सुलभ न्याय मिल सकेगा। उन्होंने विदेशों से अधिवक्ताओं को यहां आकर वकालत करने की चर्चा पर कहा कि इस बारे में पूरे देश में बातें ज्यादा हो रही हैं लेकिन इसे क्रियान्वित कर पाना बहुत मुश्किल काम है बार कौंसिल ऑफ इंडिया ने भी इसका पुरजोर विरोध किया है। उन्होंने बताया कि ग्राम न्यायालय की स्थापना सुलभ न्याय की दिशा में एक अच्छा कदम होगा इसके लिए कुछ राज्यों में ही प्रयोग के तौर पर इसकी स्थापना की जाएगी। ग्राम न्यायालयों के लिए सिविल जजों की भर्ती की जाएगी और वही फैसला देगें। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि प्रदेश की सरकार जिला व तहसील के वकीलों की बेहतरी के लिए काफी कुछ कर रही है। पहले वकीलो के निधन पर उनके परिवार को तात्कालिक मदद के तहत अधिवक्ता संघ द्वारा 75 हजार रूपए की राशि दी जाती थी मगर सरकार ने इस राशि में अपनी ओर से 75 हजार रूपए मिलाकर डेढ़ लाख कर दिया है।

मुख्यमंत्री ने पर्यावरण सुरक्षा के मुद्दे पर अपनी बात रखते हुए कहा कि इसमें सरकार की दोहरी जिम्मेदारी होती है। वन क्षेत्र में हमे एक बांध बनाना होता है तो सरकार को पहले 30 करोड़ जमा करने होते है। छत्तीसगढ़ प्रदेश के 44 प्रतिशत हिस्से में वन है। हम देश का 14 प्रतिशत आयरन और 28 से 30 प्रतिशत सीमेंट का उत्पादन करके देते हैं। देश के कई हिस्सों में प्रतिदिन 12 घंटे तक बिजली बंद रहती है इसलिए बिजली का उत्पादन बढाना भी जरूरी है मगर हमारे सामने अहम प्रश् है कि देश के नवनिर्माण के लिए सब कुछ बैलेंस कैसे हो। एक तरफ हमें वनों की सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण पर ध्यान देना है तो दूसरी तरफ प्रधानमंत्री द्वारा स्टील व सीमेंट उत्पादन को दुगना करने के आव्हान को पूरा करना है। बेरोजगारों के लिए रोजगार का व्यवस्था करनी है। हम इसके लिए तैयार भी हैं मगर छग में दोहरी जिम्मेदारी है।

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के रायगढ़, कोरबा, बिलासपुर और बस्तर क्षेत्र में फैले जंगल में कोयला और बाक्साइड है और हमे इन जंगलों को बचाकर रखना है। इसके लिए दिल्ली में बैठकर नीतिगत निर्णय लेना होगा। कोयला का उत्खनन न हो और उसका उपयोग गैस के रूप में किया जाए तो प्रदूषण की 90 प्रतिशत समस्या दूर हो जायेगी। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट की भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है। हमें जंगल, वन्य जीव जंतु, नदी नालों आदि को बचाकर विकास के मार्ग पर बढ़ना होगा तभी 21 वीं सदी के पड़ाव मील का पत्थर साबित होगा।

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