छत्तीसगढ़ के बालोद स्थित अपर सत्र न्यायाधीश (एफटीसी) रविशंकर साय की अदालत ने गिरोह के आठ अभियुक्तों को भादस की धारा के तहत १४७ के लिए एक वर्ष का सश्रम कारावासा, धारा ३२३, १४९ के लिए एक-एक का सश्रम कारावास, धारा ५०६ बी के तहत दो-दो वर्ष का सश्रम कारावास, धारा ४५०, १४९ के तहत दस वर्ष के सश्रम कारावास एवं पांच-पांच सौ रुपयों के अर्थदंड तथा धारा ३६४, १४९ के लिए भी दस वर्ष के सश्रम कारावास एवं पांच-पांच रुपयों के अर्थदंड से दंडित किया है।
प्रकरण के अनुसार ग्राम थाना देवरी के तत्कालीन निवासी दंपत्ति वीरेंद्र बहादुर एवं श्रीमती किरण के घर में १८ अक्टूबर ०७ को रात ८.३० बजे ८ अभियुक्तों ने दबिश देकर रुपयों के लेन-देन को लेकर अश्लील गाली-गलौच मारपीट करते हुए प्रार्थी वीरेंद्र को हत्या करने के मकसद से अपहरण कर अन्यंत्र स्थानों में ले गए और उसे गंभीर चोट पहुंचाई।
डाक्टरी रिपोर्ट के मुताबिक शरीर के ३० स्थानों में चोटें लगी है। जिसमें गहरी चोटे सिर व नाक में भी शामिल है। अभियुक्तों में राजनांदगांव से जावेद खान, अनिल रामजादा, नीरज ध्वाया निवासी स्टेशन पारा, सन्नी वर्मा एवं मोटू देवांगन, विशाल यादव तथा डौंडीलोहारा के रसूल सिद्दीकी एवं राजाराम निषाद को सजा सुनाई गई है। शासन की ओर से पैरवी अधिवक्ता एमआर कुरैशी ने किया।