सिविल जज परीक्षा के एक मामले में हाईकोर्ट ने राज्य के विधि सचिव और हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को नोटिस जारी किया है। वर्ष 2006 में पीएससी के माध्यम से सिविल जज वर्ग-2 की परीक्षा आयोजित की गई थी। इसमें 60 आवेदकों का चयन हुआ था। दो वर्ष की परिवीक्षा अवधि के बाद उनकी सेवा की पुष्टि होनी थी, लेकिन निर्धारित अवधि के बाद भी उन्हें सेवा में नहीं लिया गया। तीन साल 10 महीने के बाद चयनित लोगों के कार्यो का मूल्यांकन करने के बाद इसमें से 45 लोगों को सर्विस में लिया गया। 11 लोगों की परिवीक्षा अवधि बढ़ाई गई और बाकी चार लोगों को हटाने का आदेश जारी कर दिया गया।
हटाए गए लोगों में से एक सत्येंद्र मिश्रा ने वकील सुभाष यादव के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि उसने नियमानुसार परिवीक्षा अवधि पूरी की इसके बाद भी हटाया जाना गलत है। सुनवाई के बाद जस्टिस एसके सिन्हा की सिंगल बेंच ने प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर जवाब देने को कहा है।