Jan 22, 2010

नए बिलासपुर हाईकोर्ट भवन का बिजली कनेक्शन कटा

बोदरी में निर्माणाधीन हाईकोर्ट भवन के लिए ठेका कंपनी द्वारा लिया गया अस्थायी विद्युत कनेक्शन सीएसईबी ने बिजली बिल अदा नहीं होने एवं कनेक्शन की मियाद खत्म होने पर काट दिया है।

निर्माणाधीन हाईकोर्ट भवन का काम अंतिम चरण में है। चारों ओर लाइट, एसी, पानी के पंप कनेक्शन एवं बिजली के अन्य सामान की टेस्टिंग का काम चल रहा है। 1 मार्च को नया हाईकोर्ट भवन एवं परिसर हाईकोर्ट प्रशासन को सौंपने की तैयारी चल रही है। इसलिए दिन और रात काम चल रहा है। ऐसे में बिजली की खपत भी पहले से कई गुना बढ़ गई है। बिजली की खपत बढ़ते ही बिल भी लाखों में आ गया है।

नवंबर 2009 का 8 लाख रुपए का बिल देखकर ठेका कंपनी इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट इंडिया लिमिटेड के अधिकारियों के होश उड़ गए उन्होंने तत्काल सीएसईबी के अधिकारियों से संपर्क कर बिल में सुधार करने कहा तो पता चला कि मीटर रीडिंग के अनुसार ही बिल दिया गया है। बिल सही है। भारी भरकम बिल को ठीक कराने में ठेका कंपनी के अधिकारी लगे हुए हैं। बिल की राशि जमा नहीं होने पर तीन दिन पहले सीएसईबी के अधिकारियों ने निर्माणाधीन हाईकोर्ट भवन को दिया गया अस्थायी बिजली कनेक्शन काट दिया।

ठेकेदार बृजेश अग्रवाल ने बताया कि 13 जून 2006 को जब हाईकोर्ट भवन निर्माण का काम शुरू हुआ तब ठेका कंपनी ने सीएसईबी से कम दाब की बिजली का अस्थायी कनेक्शन लिया था। तब से बिजली का बिल सवा से डेढ़ लाख रुपए के बीच ही आता रहा। जैसे-जैसे भवन ने मूर्तरूप लेना शुरू किया। बिजली की खपत बढ़ती गई। सेंट्रल एसी के साथ-साथ बड़े पैमाने में पूरे भवन एवं हाईकोर्ट परिसर में चारों ओर लाइट लगाए गए। इसके अलावा चार पांच स्थानों में बोरिंग एवं उसमें 5 से 7 हार्सपावर के सबमर्सिबल पंप लगाए गए।

चूंकि एयरकंडीशन की टेस्टिंग एवं परिसर में जूनो लाइट लगने थे इसलिए ठेका कंपनी ने 23 जून 2009 को सीएसईबी से उच्चदाब कनेक्शन लिया। इसके लिए सुरक्षानिधि भी जमा कराई गई है। श्री अग्रवाल ने बताया कि जून से लेकर अक्टूबर माह तक के बिल में कहीं कोई गड़बड़ी ठेका कंपनी को नहीं मिली लेकिन नवंबर माह का 8 लाख रुपए का बिल दिया गया। इसलिए 9 दिसंबर को सीएसईबी को पत्र लिखकर अस्थायी कनेक्शन बंद करने कहा गया था, लेकिन सीएसईबी ने कनेक्शन बंद नहीं किया और दो तीन दिन पहले कनेक्शन बंद किया है।

इस बीच दिसंबर माह का लगभग 7 लाख रुपए का बिल दिया गया है। दो माह के बिल की राशि को लेकर निर्माणकर्ता कंपनी एवं सीएसईबी के अधिकारियों के मध्य चर्चा चल रही है। इस पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है।

दूसरी ओर सीएसईबी के अधिकारियों का कहना है कि ठेका कंपनी का कंजमशन 100 केवीए हुआ करता था जो कि हाल ही के दो माह की रीड़िंग में 660 केवीए दर्ज किया गया। खपत के आधार पर ही बिल दिया गया है। जहां तक कनेक्शन काटने का सवाल है तो 31 दिसंबर को अस्थायी कनेक्शन की मियाद खत्म हो गई थी इसलिए कनेक्शन बंद कर दिया गया है।

ठेका कंपनी ने निर्माणाधीन हाईकोर्ट भवन एवं परिसर के बचे हुए काम को जनरेटर के जरिए पूरा करने का निर्णय लेकर 4 जनरेटर का उपयोग किया जा रहा है। भवन एवं परिसर में चल रहे काम में कोई व्यवधान उत्पन्न नहीं हुआ है।

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