Jan 20, 2010

छत्तीसगढ जग्गी हत्याकांड : पुनरीक्षण याचिका स्वीकार

छत्तीसगढ उच्च न्यायालय ने आज बहुचर्चित रामअवतार हत्याकांड में निचली अदालत के फैसले के खिलाफ् दायर सतीश जग्गी की पुनरीक्षण याचिका विचारार्थ स्वीकार करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के पुत्र अमित जोगी के नाम पांच हजार रूपयों का जमानती वारंट जारी करने के निर्देश दिये ।

न्यायाधीश टी पी शर्मा तथा न्यायाधीश एन के अग्रवाल की खण्डपीठ ने लगभग तीन वर्ष पूर्व दायर इस पुनरीक्षण याचिका पर आज सुनवाई करते हुये अमित जोगी सहित हत्याकांड में सजा पाने वाले सभी 29 अभियुक्तों को नोटिस जारी करने के आदेश दिये हैं ।

उल्लेखनीय है कि चार जून 2003 की रात रायपुर में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के कोषाध्यक्ष रामावतार जग्गी की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद सरकार ने यह मामला केन्द्रीय जांच ब्यूरो ..सीबीआई.. को सौंप दिया था। सीबीआई ने इस मामले में अमित जोगी को हत्या का प्रमुख षडयंत्रकारी मानते हुये गिरफ्तार भी किया था ।


सतीश जग्गी हथियारों की सुरक्षा में
सीबीआई अमित जोगी के साथ ही शूटर चिमन सिंह सहित 31 लोगों के खिलाफ् अदालत में मामला पेश किया था ! रायपुर जिले की विशेष अदालत ने 31 मई 2007 को 29 आरोपियों को सजा सुनाई थी एवं संदेह का लाभ देते अमित जोगी को बरी कर दिया था इनमें 19 को उम्र कैद तथा नौ अभियुक्तों को पांच.पांच वर्ष करावास की सजा दी थी, बाद में इनमें से 24 को जमानत मिल गई थी और पांच अभियुक्त अभी भी जेल में हैं !विशेष अदालत के फ्सैले क खिलाफ् सतीश जग्गी ने उच्च न्यायालय में पुनरीक्षण याचिका दायर करते हुये कहा कि अमित जोगी को गलत तरीके से बरी किया गया हत्याकांड के सह अभियुक्तों को सजा दी गई पर पता नहीं किस आधार पर प्रमुख अभियुक्त अमित जोगी को रिहा कर दिया गया ।

याचिका में कहा गया कि राजनीतिक बदला लेने के लिये तत्कालीन मुख्यमंत्री के पुत्र ने शूटर चिमन सिंह को बुलाकर उनके पिता की हत्या करवाई थी, बाद में फर्जी मुजरिम पकड कर मामला बनाया गया ! सीबीआई ने अपनी जांच में अमित जोगी को मुख्य षडयंत्रकर्ता बताया था ।

याचिका में मुख्य षडयंत्रकर्ता अमित जोगी को छोडे जाने को गलत ठहराते हुये उसे भी सजा देने की मांग की गई, साथ ही दूसरे अभियुक्तों को दी गई सजा नाकाफी बताते उनकी सजा बढाने की मांग की गई ।

देशबंधु से साभार

खबर है कि मामले के सभी आरोपियों ने भी सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की है। इनमें से तीनों मुख्य आरोपियों ने भी सुप्रीम कोर्ट में अपील की। उनकी अपील पर भी सुप्रीम कोर्ट ने जल्दी सुनवाई करने के निर्देश हाईकोर्ट को दिए थे।

My Blog List