Jan 20, 2010

बिलासपुर हाईकोर्ट का समय फिर साढ़े 10 से कराने की कोशिश

हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने वकीलों की समस्याओं के संबंध में चीफ जस्टिस राजीव गुप्ता के नाम पत्र लिखा है। इसमें हाईकोर्ट शुरू होने का समय पहले की तरह ही 10.30 बजे करने सहित कई मांगे की गई हैं। पिछले साल से कोर्ट शुरू होने का समय 10.15 बजे कर दिया गया है।

हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के सचिव अब्दुल वहाब खान ने पत्र में कहा है कि पिछले काफी दिनों से वकीलों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इन पर एसोसिएशन की पिछले दिनों हुई बैठक में चर्चा की गई और इस संबंध में प्रस्ताव भी पारित किए गए। कोर्ट का समय 10.15 बजे से शुरू होने के कारण दूर-दराज से वकीलों को पहुंचने में परेशानी हो रही है। पूर्व में जजों की कमी के कारण कोर्ट के कार्यालयीन समय में बढ़ोतरी की गई थी। अब जजों की संख्या बढ़ने के बाद कोर्ट का समय पहले की तरह 10.30 से 4.30 बजे तक किया जाए। दोपहर में भोजन अवकाश का समय कम होने के कारण भी वकीलों को काफी असुविधा हो रही है इसलिए इसे एक घंटे का, डेढ़ से ढाई बजे तक किया जाए।

पत्र में मांग की गई है कि दंड प्रक्रिया संहिता 438 व 439 के आवेदन पत्रों से संबंधित प्रकरणों में जानकारी न होने की स्थिति में डिफाल्ट न लगाया जाए और दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 482 के तहत प्रस्तुत आवेदन पत्रों में चालान की संपूर्ण प्रति टाइप सहित प्रस्तुत करने की बाध्यता खत्म की जाए।

इसकी जगह डायरी, रिकार्ड या अभिलेख मंगवाने से वकीलों को सुविधा होगी। पत्र में कहा गया है कि फाइलिंग में ऐसे दस्तावेजों की हाथ से लिखी कापी भी शामिल करने की अनुमति दी जाए जो स्पष्ट तौर पर पढ़े जा सकते हैं। वर्तमान में सभी दस्तावेजों की टाइप की हुई कापी मांगने से समय और पैसा दोनों बर्बाद हो रहा है। आदेश की अस्पष्ट सत्यापित कापी जारी करने वाले अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जानी चाहिए।

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