५०० करोड़ रूपए के वाणिज्यिक कर और वैट कर वसूली के एक मामले में तेंदूपत्ता व्यापारियों की याचिका पर छत्तीसगढ हाईकोर्ट ने राज्य शासन को ९ अक्टूबर तक जवाब देने का आदेश दिया है। प्रकरण की अंतिम सुनवाई २५ नवंबर को होगी। राज्य शासन द्वारा वसूले जा रहे वाणिज्यिक कर व वेट कर (वेल्यू एडेड टैक्स) के खिलाफ प्रदेशभर के तेंदूपत्ता व्यापारियों ने अलग-अलग याचिकाएं दायर की हैं।
सभी मामले वर्ष २००२ से हाईकोर्ट में लंबित हैं। याचिकाओं में तेंदूपत्ता व्यापारियों ने २५ फीसदी टैक्स वसूली करने के निर्णय को चुनौती दी है। उनका कहना है कि तेंदूपत्ता व्यापारी एक निर्यातक के रूप में काम कर रहे हैं। उन्होंने राज्य शासन से इन्हीं शर्तों के आधार पर तेंदूपत्ता खरीदी करने के लिए समझौता किया है कि तेंदूपत्ता को अन्य राज्यों में बेचा जाएगा। इस तरह से यह एक अंतराज्यीय व्यापार है, जिस पर २५ प्रतिशत टैक्स वसूलना गलत है। याचिका में शासन के इस निर्णय को अवैधानिक बताया गया है। हाईकोर्ट में दायर सैकड़ों याचिकाओं पर अलग-अलग स्थगन आदेश दिए गए हैं। इसके साथ ही २००९ में दाखिल मामलों में भी स्थगन आदेश जारी किया गया है। सभी पुराने मामलों में शासन ने जवाब व प्रतिजवाब प्रस्तुत कर दिए हैं।