छत्तीसगढ़ शासन द्वारा कृषि सर्वेयरों के वेतन विसंगति दूर करने बिलासपुर हाईकोर्ट के फैसले से कृषि सर्वेयरों में खुशी की लहर हैं। यह आदेश 17 सितंबर को जारी किया गया है, जिसके अनुसार शासन को माह भर का समय दिया गया है। छग भूमि संरक्षण कृषि सर्वेयर संघ द्वारा वेतन विसंगति दूर करने हेतु लगाई उक्त याचिका पर उच्च न्यायालय बिलासपुर ने फैसला सुनाते हुए प्रमुख सचिव एवं कृषि उत्पादन आयुक्त छग शासन, रायपुर सचिव कृषि छग शासन रायपुर एवं सामान्य प्रशासन विभाग को निर्देश दिया है कि सर्वेयरों की वेतन विसंगति का निराकरण 30 दिनों की समयावधि में आवश्यक रूप से करें। उपरोक्त संदर्भ में ज्ञातव्य है कि म.प्र. कृषि सर्वेयर संघ द्वारा जबलपुर उच्च न्यायालय में दायर याचिका 1992 एवं 1999 के परिपेक्ष्य में जबलपुर हाईकोर्ट ने म.प्र. शासन को सर्वेयरों की वेतन विसंगति दूर करने का निर्देश दिया था। म.प्र. शासन ने उच्च न्यायालय के निर्णय के परिपेक्ष्य में म.प्र. कृषि सर्वेयरों का वेतन रू. 3500-5200 के स्थान पर 4500-7000 पांचवे वेतनमान में संशोधित कर दिया हैं। मगर छग में शासन द्वारा उक्त निर्णय अमल न करने पर संघ द्वारा बिलासपुर उच्च न्यायालय में याचिका प्रस्तुत की थी। बिलासपुर उच्च न्यायालय के फैसले से सर्वेयरों में हर्ष व्याप्त है। कृषि सर्वेयर संघ के प्रांताध्यक्ष अशोक शर्मा एवं संघर्ष समिति के अध्यक्ष आरपी गौतम ने छग शासन से न्यायालय के निर्णय के परिपेक्ष्य में शीघ्र आदेश प्रसारित करने का निवेदन किया है।
MEITY to release draft DPDP rules for public consultation after Budget
session
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As reported by CNBC, MeitY is set to release draft rules for the Data
Protection and Privacy (DPDP) Act for public consultation immediately
following the B...
3 months ago